शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस बार जमकर हंगामा हुआ है. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने शोर-शराबा किया. दरअसल, राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के अभी कुछ ही पन्ने पढ़े थे और उन्होंने कहा कि इस अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया जाए.
इसी पर कांग्रेस के सदस्य नाराज हो गए थे और अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बता दिया था. बाद में अभूतपूर्व हंगामा हुआ और राज्यपाल के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. उनका काफिला रोका गया और धक्का मुक्की हुई.
यहां ये जिक्र करना दिलचस्प होगा कि जब छह साल पहले कांग्रेस की सरकार प्रदेश में सत्तासीन थी तो तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा था. ये वर्ष 2015 की बात है. उस समय कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल थे और उन्हें हिमाचल के राज्यपाल के पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था. तब हिमाचल में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी.
विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल थे
कल्याण सिंह के हिमाचल में राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के समय एक दिलचस्प घटना पेश आई थी. हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र था और राज्यपाल के अभिभाषण से शुरूआत होनी थी. विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल थे.
कल्याण सिंह ने पूरा बजट भाषण पढ़ने में असमर्थता जताई थी
उस दौरान कल्याण सिंह ने पूरा बजट भाषण पढ़ने में असमर्थता जताई थी और कहा था कि वे केवल आरंभ के दो पन्ने पढ़ेंगे. बाद में अभिभाषण को पढ़ा हुआ माना जाएगा. उस समय बजट भाषण कम से कम डेढ़ घंटे का था.
हिमाचल विधानसभा के इतिहास में ये विलक्षण घटनाक्रम
कल्याण सिंह ने शुरुआती पन्ने ही पढ़े और भाषण को सदन के पटल पर रखा हुआ मान लिया गया था. वहीं, इस बार बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के दौरान हंगामा हो गया. विपक्ष का कहना था कि राज्यपाल को पूरा अभिभाषण पढ़ना चाहिए था. इस तरह हिमाचल विधानसभा के इतिहास में ये विलक्षण घटनाक्रम कहा जाएगा.
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