शिमला: मां शब्द की मिठास महसूस करने में असमर्थ बच्चों का दर्द अब दूर होगा. हिमाचल के तीन बड़े स्वास्थ्य संस्थानों आईजीएमसी अस्पताल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा और श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल नेरचौक मंडी में कॉकलियर इंप्लांट सेंटर खुलेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया. उक्त तीनों अस्पतालों में कॉकलियर इंप्लांट सेंटर खुलने से सुनने और बोलने में अक्षम बच्चों को लाभ होगा. हालांकि हिमाचल प्रदेश में पहले भी कॉकलियर इंप्लांट ऑपरेशन हुए हैं.
आईजीएमसी अस्पताल में वर्ष 2015 में राज्य सरकार की तरफ से जारी आर्थिक सहायता से दो बच्चों का सफल कॉकलियर इंप्लांट ऑपरेशन हुआ है. अब तीन अस्पतालों में सेंटर खुलने से अधिक से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा.
कॉकलियर इंप्लांट महंगा ऑपरेशन होता है. एक ऑपरेशन पर कम से कम साढ़े पांच लाख रुपये खर्च होता है. इंप्लांट सेंटर खुलने के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता जारी होगी. आईजीएमसी अस्पताल के ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ कॉकलियर इंप्लांट करने में महारत रखते हैं. प्रदेश में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भी ऐसे ऑपरेशन के लिए मदद दी जा सकेगी.