शिमला: जिला के मशोबरा खंड के साथ लगते कनोला-खटनोल मार्ग पर पीडब्ल्यूडी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कनोला-खटनोल मार्ग के किनारे रखा हुआ हजारों लीटर तारकोल पिघल रहा है. विभाग की लापरवाही से एक ओर जहां सरकारी पैसे की बर्बादी हो रही है तो दूसरी तरफ वाहन चालकों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.
मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है कि सड़क के बिल्कुल पास रखे तारकोल के ड्रमों से पिघला तारकोल टायर पर जम जाता है, जिससे वाहनों की आवाजाही में दिक्कत हो रही है. कुछ ऐसा ही हाल नेरी पुल छैला के बलग में भी है. जहां पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से सड़कों की हालत ठीक करने वाला तारकोल ही सड़क को खस्ताहाल कर रहा है और क्षेत्र के लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है.
इस समस्या के बारे में मूलकोटी पंचायत के पूर्व उपप्रधान शेरसिंह ने भी आपत्ति दर्ज की है. उनका कहना है कि सरकार एक ओर कोरोना काल में पैसे के लिए रो रही है, तो दुसरी ओर ऐसी लापरवाही से आम लोगों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है. क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि इस समस्या पर उचित कदम उठाए जाए और सरकारी पैसे की बर्बादी को रोका जाए.
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गौरतलब है कि कनोला-खटनोल सड़क से रोजाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही होती है. सड़क पर फैली इस तारकोल से पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. इसी के साथ-साथ वाहन चालकों को भी भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों ने सरकार से सड़क ठीक करने और तारकोल स्टोरिंग के उचित इंतजाम करने की मांग की है.
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