शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज निवेशकों के साथ दूसरी बैठक करेंगे. इस बैठक में करीब 26 निवेशकों और अन्य स्टेक होल्डर से भाग लेने की संभावना है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने बुधवार को निवेशकों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें 29 निवेशकों ने हिस्सा लिया था. मुख्यमंत्री शुक्रवार को निवेशकों के साथ वन टू वन बैठक भी करेंगे ताकि उनके प्रोजेक्टों में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके.
हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार राज्य में निवेश को गति देने के लिए कदम उठा रही है. प्रदेश की वित्तीय हालात को सुधारने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को हिमाचल में स्थापित करना चाह रही है. सरकार नए उद्योगों के साथ-साथ पुराने उद्योगों को भी गति देने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में आज फिर से मुख्यमंत्री निवेशकों के साथ बैठक करेंगे, इस बैठक में 25 से 26 निवेशकों के भाग लेने की संभावना है.
इस बैठक में बिजली बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन, राजस्व सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री इस दौरान निवेशकों के साथ वन टू वन मीटिंग कर उनको आ रही अड़चनों के बारे में भी जानेंगे और इनको लेकर मुख्यमंत्री संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश भी देंगे. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री आज निवेशकों के साथ दूसरी बैठक करेंगे, इस बैठक में निवेशकों के प्रोजेक्ट में आ रही दिक्कतों के बारे में जानकारी ली जाएगी और उनको दूर करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि निवेशकों के साथ पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेशकों को आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए. मुख्यमंत्री ने एक निर्धारित समय में सभी को एनओसी जारी करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि निवेशकों के साथ होने वाली यह बैठक यहीं तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि सरकार सरकार हर चार से छह माह में स्थापित होने वाले उद्योगों की समीक्षा भी करेगी.
पूर्व सरकार के समय में मात्र 27 हजार करोड़ का निवेश आया: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में निवेश को लेकर बहुत सारे एमओयू साइन किए गए. पूर्व सरकार का दावा रहा है कि इनवेस्टर मीट में ही करीब 1.27लाख करोड़ के एमओयू किए गए हैं लेकिन हकीकत में करीब 27 हजार करोड़ की ही निवेश हिमाचल में आया है.
नए क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने की सरकार: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल में उद्योगों को स्थापित करने में एक बड़ी दिक्कत यहां भूमि की कम उपलब्धता है. काला अंब और बद्दी में अब भूमि नहीं है. ऐसे में सरकार अब बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण कर रही है. ऊना, मंडी और हमीरपुर में भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जहां पर पानी, बिजली आदि की उपलब्धता होगी वहां पर निवेशकों को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. हिमाचल में निवेश आएगा तो इससे आय बढ़ेगी और इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
अभी तक करीब 12700 करोड़ के निवेश को दी गई मंजूरी: उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार ने पिछली सिंगल विंडो की बैठक में 10500 करोड़ निवेश को मंजूरी दी थी. इससे पहले मुंबई में करीब 2200 करोड़ के निवेश को लेकर एमओयू सरकार ने किए. उन्होंने कहा कि ऊना में स्थापित किए जा रहे बल्क ड्रक पार्क में ही 25 से 30 हजार करोड़ का निवेश आएगा और इससे 10 से 12 हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इसके अलावा बद्दी में स्थापित होने वाले डिवाइस पार्क में भी पांच से छह हजार करोड़ का निवेश होगा. उन्होंने कहा कि इन दोनों जगहों पर अन्य सहायक उद्योग भी आएंगे.
हिमाचल के वित्तीय हालात खराब: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है. केंद्र सरकार ने हिमाचल के लोन लेने की सीमा घटा दी है. इसके साथ ही एक्सटर्नल एडेड प्रोजेक्ट के लिए भी सीमा केद्र ने लगाई है. मौजूदा समय में करीब 8500 करोड़ के प्रोजेक्ट केंद्र के पास मंजूरी के लिए पेडिंग हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इनको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री से भी मिले हैं और केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई सीमा को हटाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार सरकारी क्षेत्र में खर्च कम कर आय बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है.
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