शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए है. राजभवन में चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए. सीएम दिल्ली में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भी मिलकर सीएम हिमाचल के कई मामलों को उठाएंगे.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. उनका आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने का कार्यक्रम है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज हिमाचल के कई मुद्दों को केंद्रीय मंत्री से उठाएंगे. सीएम वित्त मंत्री से हिमाचल की लोन लिमिट का मामला उठाएंगे.
केंद्र ने घटाया हिमाचल का लोन लिमिट: पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा केंद्र ने उनकी सरकार बनने के बाद हिमाचल की लोन की लिमिट घटा दी है. पहले यह लिमिट 14500 हजार करोड़ थी, जिसमे से साढे पांच हजार करोड़ घटा दिए गए हैं. साथ ही पेंशन की मैचिंग ग्रांट को भी रोक दिया है. जिसको आज वित्त मंत्री के साथ होने वाली से बैठक में उठाया जाएगा. इसके अलावा केंद्रीय केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी बैठक होगी. इसमें हिमाचल के लटके कई प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की जायेगी.
शानन विद्युत परियोजना में हिमाचल का हक: मुख्यमंत्री ने कहा बीते दिन उनकी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से भी बैठक हुई. उन्होंने कहा 2024 में जोगिंदर नगर स्थित शानन विद्युत परियोजना की पंजाब के साथ लीज खत्म हो रही है. पंजाब के साथ शानन विद्युत परियोजना की लीज खत्म होने के बाद शानन विद्युत प्रोजेक्ट हिमाचल को दिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा शानन विद्युत परियोजना में हिमाचल का हक है. इसलिए यह परियोजना 2024 में लीज खत्म होने के बाद हिमाचल को मिलनी चाहिए. इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी बात की गई है.
'डेंटल डॉक्टरों ने NPA के लिए किया था इनकार': एनपीए बंद करने के बाद डॉक्टरों के विरोध को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा डेंटल डॉक्टर उनसे मिले थे और कहा था कि उनको नौकरी चाहिए, हमें एनपीए नहीं चाहिए. इसके बाद सरकार ने डेंटल डॉक्टरों की भर्ती निकाली है और उनको एनपीए नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा मौजूदा डॉक्टर जिनको एनपीए मिल रहा है, वे इसका विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा मौजूदा डॉक्टर का एनपीए खत्म नहीं किया गया है, बल्कि यह एनपीए नए नियुक्त होने वाले डॉक्टरों का बंद किया गया है. ऐसे में एनपीए को लेकर डॉक्टरों का विरोध सही नहीं है. जब एमबीबीएस की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी, तो डॉक्टरों के बात करने पर सरकार इस फैसले को लेकर पुनर्विचार करेगी.
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