ETV Bharat / state

CM Helpline 1100 पर बेसहारा पशुओं की भी दे सकेंगे जानकारी, सीएम ने मोबाइल एप बनाने के भी दिए निर्देश - stray animals in himachal

हिमाचल प्रदेश में कहीं भी अगर बेसहारा पशु सड़कों पर मिलते हैं तो इस बारे में लोग सीएम हेल्पलाइन-1100 पर भी जानकारी और शिकायत दे सकेंगे. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने ये बात गौ सेवा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. वहीं, उन्होंने अधिकारियों को एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित करने के निर्देश दिए ताकि लोग बेसहारा पशुओं के फोटो भी इस पर अपलोड कर सके. (CM Sukhvinder Singh Sukhu) (Gau Seva Aayog Himachal)

गौ सेवा आयोग की बैठक
गौ सेवा आयोग की बैठक
author img

By

Published : Jan 28, 2023, 5:22 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 5:30 PM IST

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार बेसहारा पशुओं को भी आश्रय देने के लिए काम करेगी. मुख्यमंत्री ने इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. गौ सेवा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पशुपालन विभाग को बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. यही नहीं हिमाचल के किसी भी हिस्से में अगर बेसहारा पशु सड़कों पर मिलते हैं तो इस बारे में लोग सीएम हेल्पलाइन-1100 पर भी जानकारी और शिकायत दे सकेंगे.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित करने के निर्देश दिए ताकि लोग बेसहारा पशुओं के फोटो भी इस पर अपलोड कर सकें. लोगों से शिकायत मिलने के बाद यह सूचना संबंधित खंड के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं फार्मासिस्ट से साझा की जाएगी और यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि बेसहारा पशु को गौ सदन या अन्य उपयुक्त स्थल में पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए इस हेल्पलाइन के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए.

हिमाचल में 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे: मुख्यमंत्री ने कहा कि 20वीं पशु गणना के अनुसार राज्य में 36,311 बेसहारा पशु हैं, जिनमें से 20,203 बेसहारा पशुओं को विभिन्न गौ सदनों में आश्रय दिया गया है और अभी भी 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन पशुओं को बेहतर आश्रय सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मौजूदा गौशालाओं के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, जिसके लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी वन विभाग की सहायता से चरागाह और जल स्रोतों के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करें. उन्होंने अधिकारियों को पशुओं की देखभाल के लिए रात्रि आश्रय निर्मित करने और पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में 10 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की सुविधा के लिए बेसहारा पशुओं से उत्पन्न समस्या और इनके कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के निवारण के लिए पूर्ण गंभीरता के साथ कार्य कर रही है और इसके लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा. कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारी बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए फील्ड में गंभीरता से कार्य करें और इस समस्या के निवारण के लिए गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लें. उन्होंने इस दिशा में व्यावहारिक कदम उठाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार गोकुल बुटेल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पशुपालन सचिव अजय शर्मा, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभिषेक जैन, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: 'हिमाचल में सीमेंट विवाद का जल्द निकलेगा हल, सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर'

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार बेसहारा पशुओं को भी आश्रय देने के लिए काम करेगी. मुख्यमंत्री ने इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. गौ सेवा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पशुपालन विभाग को बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. यही नहीं हिमाचल के किसी भी हिस्से में अगर बेसहारा पशु सड़कों पर मिलते हैं तो इस बारे में लोग सीएम हेल्पलाइन-1100 पर भी जानकारी और शिकायत दे सकेंगे.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित करने के निर्देश दिए ताकि लोग बेसहारा पशुओं के फोटो भी इस पर अपलोड कर सकें. लोगों से शिकायत मिलने के बाद यह सूचना संबंधित खंड के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं फार्मासिस्ट से साझा की जाएगी और यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि बेसहारा पशु को गौ सदन या अन्य उपयुक्त स्थल में पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए इस हेल्पलाइन के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए.

हिमाचल में 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे: मुख्यमंत्री ने कहा कि 20वीं पशु गणना के अनुसार राज्य में 36,311 बेसहारा पशु हैं, जिनमें से 20,203 बेसहारा पशुओं को विभिन्न गौ सदनों में आश्रय दिया गया है और अभी भी 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन पशुओं को बेहतर आश्रय सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मौजूदा गौशालाओं के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, जिसके लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी वन विभाग की सहायता से चरागाह और जल स्रोतों के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करें. उन्होंने अधिकारियों को पशुओं की देखभाल के लिए रात्रि आश्रय निर्मित करने और पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में 10 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की सुविधा के लिए बेसहारा पशुओं से उत्पन्न समस्या और इनके कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के निवारण के लिए पूर्ण गंभीरता के साथ कार्य कर रही है और इसके लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा. कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारी बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए फील्ड में गंभीरता से कार्य करें और इस समस्या के निवारण के लिए गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लें. उन्होंने इस दिशा में व्यावहारिक कदम उठाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार गोकुल बुटेल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पशुपालन सचिव अजय शर्मा, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभिषेक जैन, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: 'हिमाचल में सीमेंट विवाद का जल्द निकलेगा हल, सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर'

Last Updated : Jan 28, 2023, 5:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.