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छोटे उद्यमों के लिए खुलेंगी विकास की नई राहें, हिमाचल में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही सरकार: CM

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बीबी स्वैन ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हिमाचल प्रदेश में छोटे उद्यमियों के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर विशेष चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी केंद्र से छोटे उद्यमियों की सहायता राशी 75 हजार से बढ़ाकर न्यूनतम 2 लाख रुपये करने का आग्रह किया.

CM Sukhvinder Singh Sukhu Meeting with Union Secretary on Industries expansion.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सचिव के साथ उद्योगों के विस्तार को लेकर की चर्चा.
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Published : May 14, 2023, 6:53 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बीबी स्वैन ने मुलाकात की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय सचिव सहित अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई. जिसमें हिमाचल प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार इसके लिए विशेष रुप से प्रयासरत है. प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए बेहतर वातावरण विकसित किया जा रहा है.

प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए क्लस्टर स्थापित: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल, पर्यटन, ग्रीन हाईड्रोजन, ग्रीन आईटी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कैन एवं बांस पर आधारित, पारंपरिक फुटवियर, चाय आधारित उद्योग, बुनाई, फूड प्रोसेसिंग इत्यादि क्षेत्रों में क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक टाहलीवाल, परवाणू, जीतपुर बैहरी, खड़ीन और गौंदपुर क्षेत्र में क्लस्टर को स्वीकृत प्रदान हुई है.

'केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव': इसके अलावा बद्दी और हरोली में भी दो क्लस्टर की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्तावित क्लस्टर के आधारभूत संरचना का प्रस्ताव 10 दिन के अंदर केंद्र को भेजा जाए. मुख्यमंत्री ने इसके अलावा जुलाई तक रणनीतिक निवेश नीति (एसआईपी) के अंतर्गत प्रपोजल तैयार कर केंद्र भेजने के निर्देश भी दिए. इस प्रस्ताव के पारित होने पर प्रदेश में छोटे उद्यमों में अनुमानित 150 करोड़ से 200 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी.

छोटे उद्यमियों की सहायता राशि बढ़ाने पर चर्चा: बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत कारीगरों के लिए सहायता राशि 75 हजार से बढ़ाकर न्यूनतम 2 लाख रुपये करने और औजार इत्यादि के लिए सहायता राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का केंद्र से निवेदन किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर की वर्कशाप करने पर भी चर्चा की गई.

केंद्र सरकार की योजनाओं की पेश की प्रस्तुति: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी इस अवसर पर अपने सुझाव दिए. केंद्रीय अतिरिक्त सचिव एवं विकास आयुक्त, एमएसएमई, रजनीश ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं पर एक प्रस्तुति भी दी. उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने हिमाचल प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम की जानकारी केंद्र सचिव बीबी स्वैन के समक्ष रखी. इस बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव उद्योग आरडी नजीम, निदेशक ग्रामीण विकास ऋग्वेद ठाकुर सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढे़ं: हिमाचल प्रदेश में स्थापित होगा अत्याधुनिक नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र: मुख्यमंत्री

शिमला: राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बीबी स्वैन ने मुलाकात की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय सचिव सहित अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई. जिसमें हिमाचल प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार इसके लिए विशेष रुप से प्रयासरत है. प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए बेहतर वातावरण विकसित किया जा रहा है.

प्रदेश में छोटे उद्यमियों के लिए क्लस्टर स्थापित: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल, पर्यटन, ग्रीन हाईड्रोजन, ग्रीन आईटी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कैन एवं बांस पर आधारित, पारंपरिक फुटवियर, चाय आधारित उद्योग, बुनाई, फूड प्रोसेसिंग इत्यादि क्षेत्रों में क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक टाहलीवाल, परवाणू, जीतपुर बैहरी, खड़ीन और गौंदपुर क्षेत्र में क्लस्टर को स्वीकृत प्रदान हुई है.

'केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव': इसके अलावा बद्दी और हरोली में भी दो क्लस्टर की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्तावित क्लस्टर के आधारभूत संरचना का प्रस्ताव 10 दिन के अंदर केंद्र को भेजा जाए. मुख्यमंत्री ने इसके अलावा जुलाई तक रणनीतिक निवेश नीति (एसआईपी) के अंतर्गत प्रपोजल तैयार कर केंद्र भेजने के निर्देश भी दिए. इस प्रस्ताव के पारित होने पर प्रदेश में छोटे उद्यमों में अनुमानित 150 करोड़ से 200 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी.

छोटे उद्यमियों की सहायता राशि बढ़ाने पर चर्चा: बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत कारीगरों के लिए सहायता राशि 75 हजार से बढ़ाकर न्यूनतम 2 लाख रुपये करने और औजार इत्यादि के लिए सहायता राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का केंद्र से निवेदन किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर की वर्कशाप करने पर भी चर्चा की गई.

केंद्र सरकार की योजनाओं की पेश की प्रस्तुति: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी इस अवसर पर अपने सुझाव दिए. केंद्रीय अतिरिक्त सचिव एवं विकास आयुक्त, एमएसएमई, रजनीश ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं पर एक प्रस्तुति भी दी. उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने हिमाचल प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम की जानकारी केंद्र सचिव बीबी स्वैन के समक्ष रखी. इस बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव उद्योग आरडी नजीम, निदेशक ग्रामीण विकास ऋग्वेद ठाकुर सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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