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वाटर सेस हिमाचल का अधिकार, मजबूती से लड़ी जाएगी प्रदेश के हितों की लड़ाई: CM सुखविंदर - हिमाचल का अधिकार

शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा एकेडमी और नई वेबसाइट का उद्घाटन किया. इस दौरान सीएम ने हिमाचल में सहकारी बैंकों के महत्व पर प्रकाश डाला और हायर एजुकेशन, ई-वाहनों के लिए लोन पर भी चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वाटर सेस हिमाचल का अधिकार है और इसे लेकर ही रहेंगे.

CM Sukhvinder Singh Sukhu started Internet banking service of State Co-Operative Bank.
शिमला में HPSCB की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया शुभारंभ.
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Published : Jun 12, 2023, 9:39 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (HPSCB) की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा एकेडमी फॉर एग्रीकल्चर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एम्पावरमेंट और नई वेबसाइट का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को शुभारंभ किया. शिमला में आयोजित बैंक के स्पार्क-2023 कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के नए LOGO का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा सीएम ने बैंक का विजन डक्यूमेंट भी जारी किया. कार्यक्रम में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली शाखा कार्यालयों को पुरस्कार से सम्मानित किया.

'मजबूती से लड़ी जाएगी हिमाचल के हितों की लड़ाई': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में हिमाचल के हकों की बात को उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने अधिकारों के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष करेगा. प्रदेश में 12 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, लेकिन हिमाचल को सिर्फ इसके 12% बिजली मिल रही है. जो की हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय है. सीएम ने कहा कि पे-बैक अवधि पूरी कर चुकी जलविद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने की बात केंद्र सरकार के सामने रखी गई है. तय अवधि खत्म हो जाने के बाद केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा बनाई गई पनबिजली परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को वापस मिलनी चाहिए. सीएम सुक्खू ने कहा कि शानन परियोजना को वापस लेने के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है और मौजूदा प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों और हकों की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है.

'वाटर सेस हिमाचल का अधिकार, इसे लेकर ही रहेंगे': कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वाटर सेस हिमाचल का अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले 4 सालों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाएगी. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देगी, जिसमें टूरिज्म, वाटर एनर्जी, आईटी, डाटा सेंटर और फूड प्रोसेसिंग शामिल होंगे.

बैंकों को किया जाएगा आधुनिक: इस अवसर पर सीएम सुखविंदर सिंंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों की हरसंभव सहायता करेगी. सीएम ने कहा कि बैंक डिजिटल टेक्नोलॉजी से अपग्रेड होने चाहिए और उपभोक्ताओं को डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरीए बैंकिंग सुविधा दी जानी चाहिए. सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में 6 महीने के अंदर सभी सुधारों को लागू किया जाएगा. सीएम ने आश्वासन दिया कि सहकारी बैंकों को जमीन खरीदने के लिए सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत अनुमति प्रदान की जाएगी.

'हायर एजुकेशन के लिए 1% ब्याज पर मिलेगा लोन': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल सरकार का पहला बजट व्यवस्था परिवर्तन का चिह्न है, जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की कोशिश की गई है. सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. प्रदेश सरकार गरीब परिवार के छात्रों को हायर एजुकेशन के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन 1% ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने की योजना पर काम कर रही है, ताकि संसाधनों की कमी में कोई भी छात्र शिक्षा से अछूता न रहे.

ई-वाहन खरीदने पर सरकार देगी ग्रांट: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में कहा कि आने वाले समय में टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे. प्रदेश सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक खरीदने पर 50% की ग्रांट देगी. हिमाचल सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 40% फाइनेंशियल मदद करेगी. इसके अलावा इस उत्पादित बिजली को हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदा जाएगा. सीएम ने कहा कि सहकारी बैंक इन योजनाओं के अंतर्गत लोन दें, जिसकी गारंटी हिमाचल सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार सहकारी बैंकों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की योजना के लिए मुख्य बैंक बनाएगी.

'सहकारी बैंक प्रदेश की रीढ़': इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश में सहकारिता आंदोलन (Co-Operative Movement) की अहमियत पर चर्चा की, जिसे देश भर में पहचान मिली है. डिप्टी सीएम ने बताया कि पहली सहकारी सभा की स्थापना साल 1892 में ऊना जिले के पंजावर में की गई थी, जो उनके हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सहाकारी सभा के जरीए से शुरू किए गए सहकारी बैंक आज हिमाचल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ का काम कर रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार सहकारी सभाओं को एक नए जन आंदोलन में बदलने के लिए बेहतर एवं सुरक्षित उपाय कर रही है. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से बैंक के गौरव को मद्देनजर रखते हुए काम करने की अपील की है.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू के जिला में सियासी मंथन करेंगे जेपी नड्डा, BJP कोर ग्रुप की बैठक में नजर आएंगे नए चेहरे

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (HPSCB) की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा एकेडमी फॉर एग्रीकल्चर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एम्पावरमेंट और नई वेबसाइट का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को शुभारंभ किया. शिमला में आयोजित बैंक के स्पार्क-2023 कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के नए LOGO का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा सीएम ने बैंक का विजन डक्यूमेंट भी जारी किया. कार्यक्रम में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली शाखा कार्यालयों को पुरस्कार से सम्मानित किया.

'मजबूती से लड़ी जाएगी हिमाचल के हितों की लड़ाई': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में हिमाचल के हकों की बात को उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने अधिकारों के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष करेगा. प्रदेश में 12 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, लेकिन हिमाचल को सिर्फ इसके 12% बिजली मिल रही है. जो की हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय है. सीएम ने कहा कि पे-बैक अवधि पूरी कर चुकी जलविद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने की बात केंद्र सरकार के सामने रखी गई है. तय अवधि खत्म हो जाने के बाद केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा बनाई गई पनबिजली परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को वापस मिलनी चाहिए. सीएम सुक्खू ने कहा कि शानन परियोजना को वापस लेने के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है और मौजूदा प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों और हकों की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है.

'वाटर सेस हिमाचल का अधिकार, इसे लेकर ही रहेंगे': कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वाटर सेस हिमाचल का अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले 4 सालों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाएगी. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देगी, जिसमें टूरिज्म, वाटर एनर्जी, आईटी, डाटा सेंटर और फूड प्रोसेसिंग शामिल होंगे.

बैंकों को किया जाएगा आधुनिक: इस अवसर पर सीएम सुखविंदर सिंंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों की हरसंभव सहायता करेगी. सीएम ने कहा कि बैंक डिजिटल टेक्नोलॉजी से अपग्रेड होने चाहिए और उपभोक्ताओं को डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरीए बैंकिंग सुविधा दी जानी चाहिए. सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में 6 महीने के अंदर सभी सुधारों को लागू किया जाएगा. सीएम ने आश्वासन दिया कि सहकारी बैंकों को जमीन खरीदने के लिए सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत अनुमति प्रदान की जाएगी.

'हायर एजुकेशन के लिए 1% ब्याज पर मिलेगा लोन': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल सरकार का पहला बजट व्यवस्था परिवर्तन का चिह्न है, जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की कोशिश की गई है. सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. प्रदेश सरकार गरीब परिवार के छात्रों को हायर एजुकेशन के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन 1% ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने की योजना पर काम कर रही है, ताकि संसाधनों की कमी में कोई भी छात्र शिक्षा से अछूता न रहे.

ई-वाहन खरीदने पर सरकार देगी ग्रांट: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में कहा कि आने वाले समय में टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे. प्रदेश सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक खरीदने पर 50% की ग्रांट देगी. हिमाचल सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 40% फाइनेंशियल मदद करेगी. इसके अलावा इस उत्पादित बिजली को हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदा जाएगा. सीएम ने कहा कि सहकारी बैंक इन योजनाओं के अंतर्गत लोन दें, जिसकी गारंटी हिमाचल सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार सहकारी बैंकों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की योजना के लिए मुख्य बैंक बनाएगी.

'सहकारी बैंक प्रदेश की रीढ़': इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश में सहकारिता आंदोलन (Co-Operative Movement) की अहमियत पर चर्चा की, जिसे देश भर में पहचान मिली है. डिप्टी सीएम ने बताया कि पहली सहकारी सभा की स्थापना साल 1892 में ऊना जिले के पंजावर में की गई थी, जो उनके हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सहाकारी सभा के जरीए से शुरू किए गए सहकारी बैंक आज हिमाचल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ का काम कर रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार सहकारी सभाओं को एक नए जन आंदोलन में बदलने के लिए बेहतर एवं सुरक्षित उपाय कर रही है. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से बैंक के गौरव को मद्देनजर रखते हुए काम करने की अपील की है.

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