शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से एनपीएस कंट्रीब्यूशन के 9242 करोड़ रुपए मांगे हैं. सुक्खू ने आज नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल में हिमाचल से जुड़ा मसला उठाया. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. बैठक में बुनियादी ढांचे और निवेश, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य व पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति और वर्ष 2047 तक विकसित भारत विषयों पर चर्चा की गई.
पीएफआरडीए को निर्देश जारी करने का आग्रह: मुख्यमंत्री ने इस बैठक में हिमाचल से जुड़े मसलों को उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य सरकार द्वारा एनपीएस के तहत जमा की गई 9,242.60 करोड़ रुपये की राशि को वापस करने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को निर्देश जारी करने का आग्रह किया. उन्होंने एनपीएस के तहत पिछले विष वर्ष की जमा राशि 1,779 करोड़ रुपये को वर्तमान वित्त वर्ष की उधार सीमा से कम नहीं करने और इस साल 27 मार्च के निर्णय की समीक्षा का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने राज्य पर अगले तीन वर्षों के लिए बाहरी सहायता प्राप्त करने की सीमा को हटाने और पहले की स्थिति बहाल करने का भी आग्रह किया. उन्होंने केंद्रीय आर्थिक कार्य विभाग को प्रस्तुत प्रस्तावों की जल्द मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की. मुख्यमंत्री ने भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन के लिए 100 प्रतिशत केंद्रीय फंड करने और भूमि अधिग्रहण लागत को राज्य अंशदान के रूप में मानने का आग्रह किया.
रोपवे परियोजनाओं को PMGSY में शामिल करने की मांग: सीएम सुखविंदर सिंह ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग के अलावा रोपवे परियोजनाओं को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत शामिल करने का भी आग्रह किया. उन्होंने ई-बसों की खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के तहत ओपेक्स मॉडल (परिचालन व्यय) के साथ कैपेक्स मॉडल (पूंजीगत व्यय) का विकल्प प्रदान करने की मांग की. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करने के प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन हिमाचल की अवधारणा के तहत पर्यटन विकास किया जा रहा है.
ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत योजना: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. एचआरटीसी की अधिकांश डीजल बसों को आने वाले वर्षों में ई-बसों से बदल दिया जाएगा. उन्होंने कहा ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत योजना बनाई जा रही है. 2000 करोड़ रुपये का विश्व बैंक फंडिड हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम, विश्व बैंक के साथ अंतिम दौर की चर्चा के बाद जल्द ही शुरू किया जाएगा. वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के प्रयास के अलावा 40,000 प्रत्यक्ष और 50,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री हिमाचल को देश का सबसे विकसित और समृद्ध राज्य बनाने के वर्तमान सरकार के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार और नीति आयोग से सहयोग का आग्रह किया.
ये भी पढ़ें: आज सीएम सुखविंदर दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे. हिमाचल के मुद्दे उठाएंगे CM