शिमला: हिमालय के वादियों में बसा हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. देश-विदेश से पर्यटकों हिमाचल की खूबसूरत वादियों का दीदार करने हर साल लाखों की संख्या में आते हैं. इसी को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में ईको टूरिज्म पर्यटन को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित कर रही है. साथ ही इसके लिए आवश्यक अधोसंरचना विकसित कर रही है. इसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसाइटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान सीएम ने कहा प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण वन क्षेत्रों में 11 ईको-पर्यटन स्थल चिन्हित किए गए हैं.
सीएम सुक्खू ने कहा ईको-टूरिज्म के तहत पालमपुर वन मंडल में स्वार, बीड़-बिलिंग, पार्वती वन मंडल में कसोल, खीर गंगा व सुमारूपा, सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क, सिराज में सोझा, कोटगढ़ में नारकंडा और शिमला वन मंडल के तहत शोघी कैंपिंग स्थल एवं पोटर हिल कैंपिंग स्थल शामिल हैं. इन सभी ईको-पर्यटन स्थल को एक-एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा.
सीएम ने कहा आउटसोर्सिंग के जरिए विकसित और संचालित किए जाने वाले इन स्थलों के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किए गए हैं. प्रकृति ने हिमाचल को अलौकिक सौंदर्य से नवाजा है. हिमाचल की मनोहर वादियां देश-विदेश के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. ईको-पर्यटन को प्रोत्साहित करने से राज्य में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और राजस्व में भी इजाफा होगा और इससे प्रदेश में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. उन्होंने कहा राज्य में अन्य स्थानों को भी ईको-पर्यटन स्थल चिन्हित कर, उन्हें पर्यटन की अनुरूप विकसित किया जाएगा.
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