शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में आपदा से हुए भारी नुकसान के संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ विस्तृत चर्चा की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रदेश में हुए भारी नुकसान की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने राज्य में स्थिति को सामान्य करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों को बल देने के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदियों की तर्ज पर वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वर्तमान रिलीफ मैनुअल के अनुरूप वित्तीय प्रावधान प्रदेश में हुए नुकसान की पूर्ति के लिए अपर्याप्त है. उन्होंने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेष राहत पैकेज का आग्रह किया. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम राहत की पहली किस्त देरी से जारी करने का मामला भी उठाया.
उन्होंने जगत प्रकाश नड्डा और अनुराग सिंह ठाकुर से वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन के कारण आई प्राकृतिक आपदा से प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आकलन टीमें भेजे जाने के बावजूद अंतरिम राहत अभी भी लंबित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के लिए अपने सीमित संसाधनों का उपयोग कर रही है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के तहत वार्षिक दो किश्तों में दिए जाने वाले 360 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ऑडिट आपत्तियों को दूर करने के राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप केंद्र सरकार ने लंबित 315 करोड़ रुपये में से 189 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने शेष 126 करोड़ रुपये शीघ्र प्रदान करने की आग्रह किया.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 10 अगस्त तक प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को राज्य में हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट भेजकर 6,700 करोड़ रुपये क्लेम किए हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संरचनात्मक इंजीनियरिंग और जल निकासी प्रणालियों के सुधार और सुदृढ़ीकरण के राज्य सरकार के प्रयासों की भी विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने शिमला के पास जाठिया देवी में एक नए शहर को स्थापित करने की योजना के बारे में भी बताया.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को हुए नुकसान की भरपाई के दृष्टिगत राज्य को पर्याप्त सहायता देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने आश्वासन दिया कि अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र जारी करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने संकट के इस समय में राज्य को पूर्ण सहयोग प्रदान करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को दोहराया. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है. बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
केंद्र सरकार से हिमाचल के लिए मांगा विशेष आर्थिक पैकेज: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह दिल्ली दौरे पर थे और जेपी नड्डा से मिलने विशेष तौर पर शिमला आए, ताकि हिमाचल को केंद्र की ओर से आपदा के समय राहत पैकेज मिले. उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा से मांग की गई है कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से केदारनाथ और भुज में आपदा के लिए विशेष पैकेज दिया गया था, उसी तर्ज पर हिमाचल के लिए पैकेज दिया जाना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल में हुए नुकसान के 6700 करोड़ के नुकसान का क्लेम केंद्र के पास जमा करवा दिया गया है. यह भी मांग की गई है कि हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र सरकार का रिलीफ मैनुअल अलग से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार हिमाचल की हर संभव मदद करेगी.
इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप और सिकंदर कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधायक बलबीर वर्मा, पूर्व विधायक राम लाल मारकंडा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया अन्य गणमान्य व्यक्ति और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.