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हिमाचल में इस बार भी नहीं होंगे छात्र संघ चुनाव, CM बोले- समस्या समाधान के और भी है माध्यम

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को अगर कोई समस्या होती है तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं लेकर आते हैं. जयराम ठाकुर ने कहा मात्र चुनाव बहाली ही समस्याओं के समाधान नहीं है.

हिमाचल में इस बार भी नहीं होंगे छात्र संघ चुनाव
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Published : Jul 22, 2019, 7:43 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार छात्र संघ चुनाव नहीं होंगे. चुनाव बहाली को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात रखने और कहने का अधिकार अपने-अपने माध्यम से सभी को मिलता है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को अगर कोई समस्या होती है तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं लेकर आते हैं. जयराम ठाकुर ने कहा मात्र चुनाव बहाली ही समस्याओं के समाधान नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि छात्रों को वैसे भी अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है.

वहीं छात्र संगठन लगातार यही मांग करते आ रहे है कि छात्र संघ चुनाव को बहाल किया जाए. सोमवार को स्थापना दिवस पर भी एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे. अपने ज्ञापन के माध्यम से छात्र संगठनों ने चुनाव बहाली की मांग को प्रमुखता से उठाया.

ये भी पढ़े: हिमाचल की बेटी के नाम एक ओर उपलब्धि, 'योगा गर्ल' बनी किसमें कितना है दम रियलिटी शो की विजेता

हालांकि इससे पहले एचपीयू कुलपति ने कहा था कि अगर शैक्षणिक संस्थानों में माहौल शांतिपूर्ण बना रहता है तो वे छात्र संघ चुनाव बहाली की मांग सरकार के समक्ष उठाएंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने ही छात्र संघ चुनाव को लेकर संकेत दे दिया है कि चुनाव को करवाना ही छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हैं.

बता दें कि प्रदेश में विश्वविद्यालय सहित कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव 2014 में जब पूर्व कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी. उसके बाद एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव मैरिट के आधार पर ही हो रहे है, लेकिन छात्र संघ लगातार इस मांग को उठाते आ रहे हैं कि छात्र संघ चुनाव को बहाल किया जाए.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार छात्र संघ चुनाव नहीं होंगे. चुनाव बहाली को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात रखने और कहने का अधिकार अपने-अपने माध्यम से सभी को मिलता है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को अगर कोई समस्या होती है तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं लेकर आते हैं. जयराम ठाकुर ने कहा मात्र चुनाव बहाली ही समस्याओं के समाधान नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि छात्रों को वैसे भी अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है.

वहीं छात्र संगठन लगातार यही मांग करते आ रहे है कि छात्र संघ चुनाव को बहाल किया जाए. सोमवार को स्थापना दिवस पर भी एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे. अपने ज्ञापन के माध्यम से छात्र संगठनों ने चुनाव बहाली की मांग को प्रमुखता से उठाया.

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हालांकि इससे पहले एचपीयू कुलपति ने कहा था कि अगर शैक्षणिक संस्थानों में माहौल शांतिपूर्ण बना रहता है तो वे छात्र संघ चुनाव बहाली की मांग सरकार के समक्ष उठाएंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने ही छात्र संघ चुनाव को लेकर संकेत दे दिया है कि चुनाव को करवाना ही छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हैं.

बता दें कि प्रदेश में विश्वविद्यालय सहित कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव 2014 में जब पूर्व कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी. उसके बाद एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव मैरिट के आधार पर ही हो रहे है, लेकिन छात्र संघ लगातार इस मांग को उठाते आ रहे हैं कि छात्र संघ चुनाव को बहाल किया जाए.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ ही प्रदेश के कॉलेजों में इस सत्र भी छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं होंगें। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह संकेत दिए है। छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात रखने और कहने का अधिकार अपने अपने माध्यम से सभी को मिलता है। यहां छात्रों को भी अगर कोई समस्या होती है तो उसे विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखने के साथ के बाद अपनी समस्याएं लेकर हमारे समक्ष भी आते हैं। जिसे देखते हुए में समझता हूं कि समस्याओं के समाधान का माध्यम यह भी हो सकता है इसके लिए जरूरी नहीं है कि छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र चुनाव बहाली ही समस्याओं के समाधान नहीं है।


Body:मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को वैसे भी अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है। विश्वविद्यालय के स्तर के साथ ही सरकार अपने स्तर पर भी छात्रों की मांगें सुलझा रही है।वहीं छात्र संगठन लगातार यही मांग करते आ रहे है कि छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए। आज स्थापना दिवस पर भी एबीवीपी, एसएफआई ओर एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे। अपने ज्ञापनों के माध्यम से छात्र संगठनों ने जिस मांग को प्रमुखता से उठाया उसमें छात्र संघ चुनावों की बहाली भी शामिल रही। सभी छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री से मांग उठाई की छात्र संघ चुनावों की बहाली कर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल किया जाए।


Conclusion:हालांकि इससे पहले एचपीयू कुलपति ने कहा था कि अगर शैक्षणिक संस्थानों में माहौल शांतिपूर्ण बना रहता है तो वो छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग सरकार के समक्ष उठाएंगे,लेकिन अब मुख्यमंत्री ने ही छात्र संघ चुनावों को लेकर संकेत दे दिया है कि चुनावों को करवाना ही छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हैं। बता दे की प्रदेश में विश्वविद्यालय सहित कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों 2014 में जब पूर्व कुलपति प्रो.ए.डी एन बाजपेयी ने छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाई थी उसके बाद एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव मैरिट के आधार पर ही हो रहे है,लेकिन छात्र संघ लगातार इस मांग को उठाते आ रहे है कि छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए।
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