शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगवार को शिमला में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन हुआ. मीटिंग में निवेश लक्ष्य को प्राप्त करने, विकास लक्ष्यों की समीक्षा, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, मुख्यमंत्री घोषणाओं और रोजगार सृजित करने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई.
बैठक में सीएम ने कहा कि बीते डेढ़ साल के दौरान 22,964 करोड़ रुपये के निवेश के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे हिमाचल प्रदेश को देश का औद्योगिक हब बनाने और प्रदेश के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता का पता चलता है.
मुख्यमंत्री ने नवंबर महीने में धर्मशाला में प्रस्तावित इन्वेस्टर मीट को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के लिए 85,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें पन विद्युत व सौर ऊर्जा, रियल एस्टेट, शहरी विकास अधोसंचरना, परिवहन व लॉजीस्टिक में 20,000 करोड़ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार निर्माण क्षेत्र व फार्मास्युटिकल में 15,000 करोड़, पर्यटन, सिविल एविएशन में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है.
इसके अलावा प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण, हेल्थकेयर व आयुष, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और शिक्षा व कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में भी 5-5 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है. हाल ही में सीएम जयराम ने जर्मनी, नीदरलैंड, यूएई और मुंबई में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए किए गए रोड शो का भी बैठक में जिकर किया.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए वो मुकेश अंबानी, आदी गोदरेज, आनंद महिंद्र जैसे बड़े उद्योगपतियों से मिले. उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक घरानों ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है. सीएम ने सभी अधिकारियों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी समझौता ज्ञापनों पर हुए हस्ताक्षरों को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में अधिकारियों की बड़ी भूमिका रही है. निवेशकों को आकर्षित करते हुए केवल औद्योगिकीकरण पर ही ध्यान केन्द्रित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रदेश के सभी पहलुओं और सामाजिक दायित्वों को सम्मुख रखना होगा.
निवेश के लिए मुख्य बिन्दुओं पर बल देने के साथ-साथ विद्युत, पर्यटन, ईको-पर्यटन, वैलनेस सेंटर, आईटी, खाद्य एवं फल प्रसंस्करण, साहसिक खेलों और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 7 और 8 नवम्बर को एक बड़ी इन्वेस्टर मीट आयोजित की जा रही है, जिसमें अधिकारियों की अहम भूमिका रहेगी. मीट को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को समर्पण की भावना से काम करने की जरूरत है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि इच्छुक उद्यमियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए सघन व कारगर कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी निवेश की व्यापक सम्भावनाएं विद्यमान हैं.सीएम ने इस दौरान अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि इस साल 15 अक्तूबर तक बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ और धर्मशाला को जोड़ने वाली सड़कों का सुधार हो जाना चाहिए क्योंकि अच्छी सड़कें प्रदेश का आईना होती हैं.
ऐसा करने से ग्लोबल इन्वेटर मीट में आने वाले उद्यमियों पर प्रदेश में बेहतर अधोसंरचनात्मक सुविधाएं होने का आभास होगा, जिससे प्रदेश की इमेज बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि यहां आने वाले विश्वभर के निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होने का आभास होना चाहिए तभी वे प्रदेश में निवेश के प्रति आकर्षित होंगे.
सीएम ने कहा कि हिम प्रगति में अब तक 164 समझौता ज्ञापनों पर हुए हस्ताक्षर अपलोड हो चुके हैं. इस सुविधा से निवेशक अपने मुद्दे व समस्याएं बता सकते हैं. उन्होंने निर्देश किए कि निवेशकों द्वारा हिम प्रगति के माध्यम से उठाए जा रहे पहलुओं पर तुरन्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि उन्हें राहत पहुंचाई जा सके.जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को जनता की समस्याओं की सुनवाई के लिए पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाईन से न केवल जनता की समस्याओं का निराकरण होगा अपितु इससे सरकारी कार्यालयों में भीड़ भी कम होगी.
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई कुल 1000 घोषणाओं में 641 को लागू कर दिया गया है. वहीं, 351 घोषणाओं पर काम तेजी से चल रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घोषणाओं को लागू करने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए.