शिमला: कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की आज 21वीं पुण्यतिथि है. मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर सीएम जयराम ठाकुर ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि 'कारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस एवं शौर्य से शत्रुओं को पराजित करने वाले वीर सपूत, परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि'.
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कारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस एवं शौर्य से शत्रुओं को पराजित करने वाले वीर सपूत,परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) July 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कैप्टन बत्रा भारतीय सेना के उन अद्वितीय नायकों में से हैं जिनके पराक्रम गाथा अमिट रहेगी।
#vikrambatra pic.twitter.com/257CioTAPp
">कारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस एवं शौर्य से शत्रुओं को पराजित करने वाले वीर सपूत,परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) July 7, 2020
कैप्टन बत्रा भारतीय सेना के उन अद्वितीय नायकों में से हैं जिनके पराक्रम गाथा अमिट रहेगी।
#vikrambatra pic.twitter.com/257CioTAPpकारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस एवं शौर्य से शत्रुओं को पराजित करने वाले वीर सपूत,परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) July 7, 2020
कैप्टन बत्रा भारतीय सेना के उन अद्वितीय नायकों में से हैं जिनके पराक्रम गाथा अमिट रहेगी।
#vikrambatra pic.twitter.com/257CioTAPp
वहीं, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है. अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया कि 'कारगिल में मां भारती की रक्षा करते हुए अपना अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि.
आपकी वीरता,अदम्य साहस व शौर्यगाथा वीरभूमि हिमाचल के असंख्य युवाओं को देश की आन बान और शान बनाए रखने के लिए प्रेरित करती रहेगी'.
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कारगिल में माँ भारती की रक्षा करते हुए अपना अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) July 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आपकी वीरता,अदम्य साहस व शौर्यगाथा वीरभूमि हिमाचल के असंख्य युवाओं को देश की आन बान और शान बनाए रखने के लिए प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/6kGtrclDra
">कारगिल में माँ भारती की रक्षा करते हुए अपना अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) July 7, 2020
आपकी वीरता,अदम्य साहस व शौर्यगाथा वीरभूमि हिमाचल के असंख्य युवाओं को देश की आन बान और शान बनाए रखने के लिए प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/6kGtrclDraकारगिल में माँ भारती की रक्षा करते हुए अपना अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🏻
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) July 7, 2020
आपकी वीरता,अदम्य साहस व शौर्यगाथा वीरभूमि हिमाचल के असंख्य युवाओं को देश की आन बान और शान बनाए रखने के लिए प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/6kGtrclDra
बता दें कि कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल के युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था. युद्ध के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी को नमन करते हुए उनको सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ था.
उन्होंने अपने सैन्य जीवन की शुरुआत 6 दिसंबर 1997 को भारतीय सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स से की थी. घटना उन दिनों की है जब भारतीय सेना और आतंकियों के भेष में आए पाकिस्तानी सेना के जवानों के बीच कारगिल का युद्ध जारी था. कमांडो ट्रेनिंग खत्म होते ही लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा की तैनाती कारगिल युद्ध क्षेत्र में कर दी गई थी. 1 जून, 1999 को अपनी यूनिट के साथ लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा ने दुश्मन सेना के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया था.
आतंकियों के भेष में मौजूद पाकिस्तानी सेना से आमने-सामने की लड़ाई जारी थी. दोनों तरफ से लगातार गोलियों की बौछार जारी थी. इसी दौरान लेफ्टिनेंट नवीन के पैर में गोली लग चुकी थी. दुश्मन ने लेफ्टिनेंट नवीन को निशाना बनाते हुए लगातार फायरिंग शुरू कर दी थी. अपने साथी की जान बचाने के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा दौड़ पड़े. वो लेफ्टिनेंट नवीन को खींच कर ला ही रहे थे तभी दुश्मन की एक गोली उनके सीने में आ लगी. उन्होंने 'जय माता दी' का उद्घोष किया और 7 जुलाई 1999 को वीरगति को प्राप्त हुए.
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