शिमला: केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगभग ढाई महीने से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो चुकी है. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
किसानों का आरोप है कि मोदी सरकार कृषि सुधार के नाम पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है. नए कानून आने से देशभर की अनाज मंडिया खत्म हो जाएंगी और पूंजीपति किसानों का दाम औने-पौने दामों पर खरीद लेंगे. सरकार और किसानों के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक हल नहीं निकल पाया है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
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दूसरी तरफ, किसान प्रदर्शन के पीछे सरकार राजनीतिक पार्टियों का हाथ बता रही है. सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को फंडिग होने की बता कही जा रही. तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंचे हिमाचल के सीएम जयराम ने कहा कि किसान रैली किसान रैली ना रहकर कुछ और रह गई है. देश को जल्द ही इससे बाहर निकलना चाहिए. किसानों को गुमराह किया गया है. किसानों को अब ये बात समझनी चाहिए