शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के वॉकआउट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लिए विपक्ष के पास कई विकल्प थे, लेकिन उन्होंने नियम 167 के तहत चर्चा की मांग की क्योंकि उन्हें पता था कि इस नियम के तहत इस चर्चा को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
विपक्ष सुर्खियों में बने रहने के लिए वॉकआउट का बहाना ढूंढते रहते हैं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष नौकरियों में आरक्षण की बात कर रहा है, लेकिन जिस वक्त हिमाचल प्रदेश में आउट सोर्स की नीति बनाई गई थी. उस समय हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. उन्होंने उस समय आउटसोर्स में जो नीति बनाई उसमें आरक्षण के लिए कोई व्यवस्था नहीं रखी इसलिए यदि आउट सोर्स में आरक्षण नहीं है, तो इसका सबसे बड़ा गुनहगार कांग्रेस पार्टी की है.
जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वकआउट कर दिया था और सरकार पर आरोप लगाए थे. कि सरकार नियमों के तहत आरक्षण रोस्टर लागू नहीं कर रही है और एससी-एसटी को दिए जाने वाला फंड भी लेफ्ट होने की स्थिति पर है, लेकिन सरकार द्वारा इसे लागू नहीं किया जा रहा है.
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