शिमला: हिमाचल विधानसभा में मंगलवार को जल जीवन मिशन का बजट धर्मपुर और सिराज विधानसभा क्षेत्रों में खर्च करने पर प्रदेश सरकार को विपक्ष ने कटघरे में खड़ा किया. वहीं, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने भी विपक्ष को उनका दौर याद दिलाया.
चर्चा के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के आरोपों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आपत्ति जताई और अपनी सीट पर खड़े होकर बीच में ही अपनी बात कही. बजट अनुमानों की अनुदान मांगों पर सिंचाई जल आपूर्ति और सफाई पर पेश किए गए कटौती प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सारा पैसा सिंचाई मंत्री और मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्रों में खर्च हो रहा है.
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि विवाह के अधिकारियों को भी दाद देनी पड़ेगी जो बिना पैसे के ही भारी भरकम टेंडर लगा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बड़ा घपला हो जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा के अन्य विधायक और विपक्ष में भी सदस्य बैठे हैं इनके विधानसभा क्षेत्रों में भी कुछ पैसा दे देना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताई
इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आपत्ति जताई और अपनी सीट पर खड़े हो गए मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार यह दोहराना उचित नहीं है कि केवल दो हलकों में ही काम हो रहा है. कोरोना संक्रमण के दौर में 30 हजार करोड़ रुपए के उद्घाटन और शिलान्यास प्रदेश भर में किए हैं इस तरह के इल्जाम उचित नहीं है.
चर्चा का जवाब देती हुई जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विपक्षी सदस्यों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार की त्रुटियां सामने लाना है. उन्होंने कांग्रेसी विधायकों को उनकी सरकार का दौर भी याद दिलाया और कहा कि जब उन्होंने मंत्री का कार्यभार संभाला तो विवाह के पास कोई पाइप नहीं थी.
'सभी विधानसभा क्षेत्रों में उचित विकास किया जा रहा है'
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 36 हजार करोड़ की जल जीवन मिशन योजना को मंजूर किया और सभी प्रदेशों को साथ ही दिशा निर्देश भी भेज दिए गए कि इन परियोजनाओं को कैसे लागू करना है. विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में उचित विकास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हरोली छोटा विधानसभा क्षेत्र है, जबकि सिराज सिलाई रेणुका भौगोलिक दृष्टि से कहीं बड़े विधानसभा क्षेत्र हैं इनमें गांव दूर-दूर हैं जहां पानी पहुंचाना कठिन है ऐसे में वहां अधिक बजट की जरूरत रहती है उन्होंने कहा कि यह परियोजना 2019 से 2024 तक 5 सालों के लिए है. इसलिए चरणबद्ध तरीके से 3 चरणों में काम किया जा रहा है.
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