शिमला: शिलाई विधायक हर्षवर्धन चौहान द्वारा विधानसभा में नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में सिरमौर के एनएच 707 पर भूस्खलन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस एनएच को जल्द से ठीक किया जाए और तब तक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए.
चर्चा का जवाब देते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि एनएच-707 राजमार्ग मंत्रालय के तहत निर्मित हो रहा है. इस सड़क की कुल लंबाई 103 किमी है. भूस्खलन के कारण इस सड़क का एक हिस्सा गिर गया. बारिश के कारण पूरा पहाड़ ही खिसक गया जिसके कारण यह सड़क भी गिर गई. इस घटना के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी भी केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं. इस भूस्खलन से पांवटा साहिब से लेकर हाटकोटी तक लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि भूस्खलन के बाद भू-वैज्ञानिकों ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया. सड़क को ठीक करने कार्य शुरू किया जा रहा है. लोगों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्गों को शुरू किया गया है. उन्होने कहा कि अभी भी इस सड़क के आसपास भूस्खलन हो रहा है जब तक परिस्थितियां पूरी तरह से ठीक नहीं होती सड़क के पुन निर्माण का कार्य शुरू किया नहीं जा सकता है. जहां तक एनएच को पूरा करने की बात इसके लिए पहले से चार ठेकेदार कार्य कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने ठेकेदारों को आदेश दिए हैं कि जल्द ही एनएच -707 का निर्माण कार्य पूरा किया जाए.
वहीं, शिलाई विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से नियुक्त अधिकारी मामले को केंद्रीय अधिकारियों के समक्ष उठाने में विफल रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार को बड़े अधिकारियों को नियुक्त करना चाहिए ताकि केंद्रीय एनएच मंत्रालय के समक्ष इस बात को जोर से उठाया जा सके.
इससे पहले हर्षवर्धन चौहान ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सदन का ध्यान खींचते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर भूस्खलन से विकट स्थिति में पैदा हो गई है. यह सड़क पूरे क्षेत्र की जीवन रेखा है. उन्होंने कहा कि 30 जुलाई को सुबह करीब 8 बजे यहां भूस्खलन से सड़क का एक बड़ा हिस्सा गिर गया था. इसके अलावा किन्नौर में भी एक बहुत बड़ी घटना हुई. जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई.
हर्षवर्धन चौहान कहा कि यह घटनाएं प्राकृतिक हैं, इनपर हमारा नियंत्रण नहीं हैं, लेकिन कुछ घटनाएं मनुष्यों द्वारा भी पैदा की जाती हैं. हमें प्रकृति से कम से कम छेड़छाड़ करनी चाहिए. उन्होने कहा कि हमने प्रदेश में सड़कें चौड़ी की और इनको सात वर्षों से अधिक समय हो गया है. लेकिन अभी तक इन पहाड़ियों से मलबा गिरने का क्रम जारी है. उन्होंने कहा कि हम नियमित तौर पर पहाड़ों को खोदकर सड़कें बना रहे हैं. जिसके कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमें विदेशों की तर्ज पर सड़कों का निर्माण करना चाहिए. ताकि कम से कम प्रकृति से छेड़छाड़ हो.
हर्षवर्धन ने कहा कि एनएच-707 पर तीन ठेकेदार कार्य कर रहे हैं लेकिन कार्य बहुत ही धीमी गति से जारी है. उन्होंने कहा कि भूस्खलन के बाद सड़क के फिर से निर्माण के लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है. इस क्षेत्र के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जल्द इस सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू करना चाहिए. इसके अलावा अस्थाई तौर पर सुविधा प्रदान करने के लिए छोटी गाड़ियों की आवाजाही के लिए सड़क का निर्माण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भी इस सड़क का निर्माण कार्य फिर से शुरू होना है तब सरकार गंभीरता से कार्य करे और सही डंपिंग साइट का चुनाव भी किया जाए.
बता दें कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ के भूवैज्ञानिकों की एक तीन सदस्यीय टीम सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में गत 30 जुलाई को पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर हुए भूस्खलन का अध्ययन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आज पहुंची है.
इस बारे में उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि यह टीम मंगलवार और बुधवार को भूस्खलन स्थल का अध्ययन करेगी और बुधवार दोपहर में उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाएगी. इस टीम में निदेशक इंजीनियरिंग भूविज्ञान मनोज कुमार, भूविज्ञानी पी. जगन और सहायक भूविज्ञानी ए. पुनिया शामिल हैं. उपायुक्त ने लोगों से बरसात के मौसम में अपने घरों में रहने और गैर जरूरी यात्राएं स्थगित करने और नदी नालों से दूर रहने का आह्वान किया है.
ये भी पढे़ं- हिमाचल विधानसभा सत्र: सीएम बोले- जनता ने देश और तिरंगे के प्रति अपना प्यार और समर्थन दिया