शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिम्फेड को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार मजबूती से काम कर रही है. प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने माना कि हिम्फेड का पर्याप्त आधारभूत ढांचा प्रदेश में उपलब्ध है, लेकिन उसके अनुसार उनको बिजनेस नहीं दिया दिया जा सका है, क्योंकि पूर्व की सरकारें अधिक रुचिकर नहीं रही हैं, लेकिन वर्तमान सरकार हिम्फेड का बिजनेस बढ़ाने पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जरूर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है, लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि पूरी तरह से प्राकृतिक को अपनाने में अभी समय लगेगा. इसलिए हमें प्राकृतिक खेती और रासानिक खेती में तालमेल बिठाना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत हिमफैड और गुजरात स्टेट फर्टीलाईजर्स एण्ड कैमिकल्ज लिमिटेड (जीएसएफसी) के संयुक्त उपक्रम के तहत घरेलू तरल बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट उर्वरक का शुभारम्भ किया.
जीएसएफसी ने हिमाचल प्रदेश में राज्य के किसानों और बागवानों की सुविधा के लिए तरल बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट, न्यूट्री प्लस, अमोनियम सल्फेट और बोरोनेटिड कैल्शियम आदि पांच उत्पादों का उत्पादन आरम्भ किया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तरल बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट उर्वरक का देश में उत्पादन करने के लिए जीएसएफसी को बधाई दी. इससे पूर्व इस उर्वरक को दूसरे देशों से आयात किया जाता था.
उन्होंने कहा कि तरल उर्वरक का यह नया प्रयोग है, जो किसानों के लिए सहायक सिद्ध होगा क्योंकि इस उर्वरक का निर्माण देश के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुसार किया जाएगा.जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और विभिन्न उत्पादों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है.
प्रधानमंत्री ने किसानों को सशक्त करने के लिए विभिन्न नई योजनाएं आरम्भ की हैं और वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने पूरे विश्व की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, लेकिन यह संतोष की बात है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्र विकास और आर्थिक समृद्धि के पथ पर अग्रसर है.
उनके आह्वान के परिणामस्वरूप विभिन्न औद्योगिक घरानों ने इस चुनौती को अवसर के रूप में स्वीकार किया है और पीपीई किट्स, मास्क इत्यादि जैसे विभिन्न उत्पाद देश में ही तैयार किए जा रहे हैं.जय राम ठाकुर ने कहा कि जीएसएफसी और हिमफैड के संयुक्त उपक्रम से किसान लाभान्वित होंगे और उनके फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य में सेब की आर्थिकी 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है और इन उर्वरकों से सेब उत्पादक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे. उन्होंने अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इन उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमफैड की गतिविधियों को सुदृढ़ करने तथा किसानों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जीएसएफसी की विशेषज्ञता की सहायता ली जाएगी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन उर्रवकों से फसलों में विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकताओं की पूर्ति से फसल उत्पादन तथा गुणवत्ता में वृद्धि होगी.