शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे भरा रहा. विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करते हुए जमकर नारेबाजी की. विपक्ष के वॉकआउट पर सीएम जयराम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और विपक्ष के इस रवैये को गलत करार दिया है.
बता दें कि ऊना के विधायक सतपाल रायजादा के निजी स्टाफ को बीते दिनों ऊना में गिरफ्तार कर विधायक की संस्था पर हमला करने के सरकार के प्रयास के विरोध में विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सारा मामला माफिया के खिलाफ है. विधायक कहां से बीच में आया ये उनका विषय है.
सीएम ने कहा कि मौके पर पुलिस की गश्त लगी थी. पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी और चेकिंग के दौरान शराब की पेटियों के साथ गाड़ी पकड़ी गई. इतने में विधायक की गाड़ी भी वहां पहुंच गई. विधायक के पीएसओ ने मौके पर पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की और गाड़ियों को वहां से निकालने की कोशिश की. पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसको देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि विधायक की गाड़ी वहां थी.
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इस पर विधायक को स्थिति साफ करनी चाहिए. सीएम ने कहा कि सरकार का विधायक के खिलाफ एक्शन लेने का कोई इरादा नहीं है.
सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना कह दिया कि एक माफिया इतना सशक्त हो गया है कि उसने एक दल को यहां (वेल में) खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि वे माफिया के लिए वापस आ गए. उन्होंने कहा कि वे विधायक के खिलाफ नहीं माफिया के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने देवभूमि को शर्मसार कर दिया.
इस पर कांग्रेस विधायक भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी. इन विधायकों ने एसपी ऊना को बर्खास्त करने की मांग की. इस पर दोनों ओर से नारेबाजी शुरू हो गई. सदन में सोमवार को सरकार के तीन मंत्रियों ने भी नारेबाजी की. इस दौरान सदन में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह और सामाजिक न्याय मंत्री राजीव सैजल ने भी सरकार के कदम के समर्थन में शराब माफियों के खिलाफ नारेबाजी की.
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