शिमला: प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विराम लगा दिया है. एक प्रश्न के जवाब में जयराम ठाकुर ने कहा कि फिलहाल सरकार अच्छी तरह से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अब हमने वर्चुअल रैलियों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन और शिलान्यास करना शुरू कर दिए हैं. प्रदेश सरकार हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है.
जयराम ठाकुर के इस बयान के बाद जल्द कैबिनेट विस्तार की उम्मीद लगाए बैठे विधायकों को जरूर निराशा हाथ लगी है. पिछले दिनों सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से अटकलें लगाई जा रही थी कि जल्द ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल हो सकता है.
पिछले दिनों भी जयराम ठाकुर ने इस बात पर सहमति जताई थी और जल्द मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की संभावना को स्वीकार किया था, लेकिन कोरोना दौर के बाद और मुख्यमंत्री ने परोक्ष रूप से प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को नकार दिया है. सीएम का कहना है कि प्रदेश सरकार सही तरीके से काम कर रही है.
वहीं, विकासात्मक कामों को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्चुअल रैलियों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन और शिलान्यास का काम भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में जनसभाओं और लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है. इसके चलते प्रदेश सरकार डिजिटल माध्यम से प्रदेश की जनता से रूबरू हो रही है और लोगों की समस्याओं को हल किया जा रहा है.
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के समय खाद्य मंत्री किशन कपूर और ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद से मंत्रिमंडल में 2 पद खाली हो गए थे. ऐसे में इन दोनों पदों को भरने की कोशिश लंबे समय से चली हुई थी, लेकिन इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष पद से त्यागपत्र के बाद राजीव बिंदल पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बन गए थे.
ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया था, जिसके बाद हिमाचल कैबिनेट के 3 पद खाली हो गए थे. तब से लेकर अब तक समय-समय पर इन पदों को भरने की अटकलें लगती रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फिलहाल कैबिनेट के इन तीनों पदों को भरने में दिलचस्प नहीं लग रहे हैं.
वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद भी खाली चल रहा है. ऐसे में किसी मंत्री को हटाकर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर एक और सीट खाली हो जाएगी. इसके अलावा कांगड़ा से किशन कपूर के त्यागपत्र के बाद खाली हुई सीट को कांगड़ा से ही भरे जाने की उम्मीद है.
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष बने विपिन परमार की सीट भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से ही हैं. अब वर्तमान हालात को देखते हुए कांगड़ा से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक राकेश पठानिया और रमेश ध्वाला मंत्री बनने की चाह पाले हुए हैं.
इसको लेकर यह नेता कई बार दिल्ली में पार्टी हाईकमान से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन जयराम ठाकुर के ताजा बयान के बाद इन दोनों नेताओं को जरूर निराशा हाथ लगी होगी.
वहीं, ऊर्जा मंत्री के पद से अनिल शर्मा के त्यागपत्र के बाद मंडी संसदीय क्षेत्र से सीट खाली हुई थी. ऐसे में क्या इस सीट को मंडी संसदीय क्षेत्र से ही भरा जाता है या फिर इस क्षेत्र से पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.
बता दें कि जयराम ठाकुर भी मंडी संसदीय क्षेत्र से हैं. ऐसे में राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से मंडी संसदीय क्षेत्र को मंत्री ना देकर पार्टी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है. साथ ही हमीरपुर या शिमला संसदीय क्षेत्र से किसी विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना नहीं दिख रही है.
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