शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आईजीएमसी शिमला में 20 किलोलीटर लिक्विड ऑक्सीजन संयंत्र का शुभारंभ किया. आईजीएमसी में स्थापित 20 किलोलीटर ऑक्सीजन संयंत्र कोविड-19 रोगियों और अन्य रोगियों के लिए निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के स्थापित होने से चिकित्सा महाविद्यालय की ऑक्सीजन क्षमता 525 सिलेंडर से बढ़कर 1600 सिलेंडर से अधिक हो जाएगी. यह ऑक्सीजन संयंत्र 63 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ है.
आईजीएमसी में आधुनिक लैब शुरू
सीएम ने आईजीएमसी में आधुनिक लैब का भी शुभारंभ किया. यहां पर अब लिथियम परीक्षण किए जाएंगे. यह सुविधा पहले नहीं थे. पहले लोगों को 3 से 4 दिनों तक लिथियम की रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता था. लैब में जो जांच मशीन स्थापित की गई है वह अपनी तरह की प्रदेश में पहली मशीन है. इस मशीन का नाम ऑटाे एनालाइजर एक्सएल 1000 है. यह मशीन एक साथ एक घंटे में एक हजार चालीस सैंपल की जांच करने में सक्षम है.
लैब में सभी जैव रासायनिक (आरएफटी, एलएफटी, लिपिड, इलेक्ट्रोलाइट्स, एडीए आदि) हेमेटोलॉजी (एचबी, सीबीसी), सीएसएफ परीक्षा और हेमोस्टेसिस पैरामीटर (पीटी/आईएनआर) के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स, रक्त गैस विश्लेषण जैसे प्वाइंट ऑफ केयर प्रदान करने में सक्षम है. यह प्रयोगशाला 24x7 अनेकों प्रकार के मार्कर टेस्ट जैसे सीआरपी, फेरिटिन, डी डाइमर करने में सक्षम है.
ये रहे माैजूद
कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश पठानिया, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. जनक राज, डाॅ. राहुल गुप्ता समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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