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सीएम जयराम बोले, हिमाचल को कर्ज में कांग्रेस ने डुबोया, भाजपा सरकार ने तय सीमा में लिए लोन

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान साढ़े पंद्रह घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर करारे वार किए. सीएम जयराम ने कहा कि हिमाचल को कर्ज में डुबोने के लिए कांग्रेस के अलावा और कोई जिम्मेदार नहीं है. सीएम ने ये भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में भी केंद्र सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर ही लोन लिए जाएंगे.

CM jairam during budget session 2020
जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर किए करारे वार
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Published : Mar 14, 2020, 10:41 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान साढ़े पंद्रह घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर करारे वार किए. सीएम जयराम ने कहा कि हिमाचल को कर्ज में डुबोने के लिए कांग्रेस के अलावा और कोई जिम्मेदार नहीं है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने तय सीमा में ही लोन लिए हैं. सीएम ने ये भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में भी केंद्र सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर ही लोन लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक संसाधनों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के लिए लोन लेना मजबूरी है. इस समय वैश्विक मंदी चली हुई है और इससे देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. हालांकि सीएम के जवाब से संतुष्ट न होते हुए विपक्ष ने बीच में ही वॉकआउट भी किया.

बजट चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों की विगत दो साल में प्रदेश सरकार द्वारा 6793 करोड़ रुपए का लोन लेने की बात गुमराह करने वाली है. सीएम ने कहा कि इनमें से 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वेज एंड मीन्स की है, जिसे लोन में शामिल नहीं किया जा सकता.

वीडियो.

जयराम ठाकुर ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 2018-19 के दौरान केंद्र की तरफ से निर्धारित लोन सीमा से 1617 करोड़ रुपये कम लोन लिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने वर्ष 2007 से 2012 के दौरान 7465 करोड़ रुपये का लोन लिया.

वहीं, कांग्रेस ने 2012 से 2017 के दौरान 19195 करोड़ रुपये कर्ज लिया. उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को भी गलत करार दिया कि इस साल अनुपूरक बजट दो गुणा से भी अधिक था. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014-15 में कांग्रेस सरकार ने 7753 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित की थी.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में 13वें वित्तायोग से 4338 करोड़ रुपये का औसत अनुदान मिला. वहीं, 14वें वित्तायोग के दौरान प्रदेश को 14407 करोड़ रुपये का औसत अनुदान मिला. उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने पहले ही साल में 19309 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान जारी किया है और अगले पांच सालों में यह प्रदेश को मिलने वाला सर्वाधिक अनुदान है.

पढ़ें: कोरोना का 'कर्फ्यू': 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद, सीएम ने सदन में दी जानकारी

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार आय के संसाधन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है और अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश को आबकारी राजस्व के रूप में 1840 करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने बाह्य सहायता वाली परियोजनओं को लेकर विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकार दिया. सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा भेजे गए अधिकांश प्रोजेक्ट अंतिम चरण में हैं और अगले कुछ माह में इन पर काम शुरू हो जाएगा.

बजट पर चर्चा का जवाब देने के इस मौके पर सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो योजनाएं शुरू की हैं, उनका लोगों को बहुत लाभ मिला है. गृहिणी सुविधा योजना के तहत लाखों महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए.

हिमकेयर व आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री राहत कोष से 125 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लोगों को इलाज के लिए उपलब्ध करवाई गई. प्रदेश सरकार 5.74 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही है और इनमें से 1.50 लाख लोग 70 साल से अधिक आयु के हैं. मौजूदा बजट में 25 नई योजनाओं की घोषणा की गई है और अगले तीन सालों में प्रदेश के अनुसूचित जाति के हर पात्र व्यक्ति के पास अपना मकान होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार एयर कनेक्टिविटी और शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान दे रही है. सदन में विधानभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि बजट अनुमानों पर चार दिनों तक हुई चर्चा में कुल 50 सदस्यों ने भाग लिया. यह चर्चा 15.30 घंटे चली. चर्चा में सत्तादल भाजपा के 30, विपक्षी दल कांग्रेस के 18, माकपा के एक और एक निर्दलीय सदस्य ने हिस्सा लिया. सदन में अब 22 मार्च तक मिड ब्रेक होगी. अब सत्र की कार्यवाही 23 मार्च सोमवार से होगी.

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शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान साढ़े पंद्रह घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर करारे वार किए. सीएम जयराम ने कहा कि हिमाचल को कर्ज में डुबोने के लिए कांग्रेस के अलावा और कोई जिम्मेदार नहीं है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने तय सीमा में ही लोन लिए हैं. सीएम ने ये भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में भी केंद्र सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर ही लोन लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक संसाधनों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के लिए लोन लेना मजबूरी है. इस समय वैश्विक मंदी चली हुई है और इससे देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. हालांकि सीएम के जवाब से संतुष्ट न होते हुए विपक्ष ने बीच में ही वॉकआउट भी किया.

बजट चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों की विगत दो साल में प्रदेश सरकार द्वारा 6793 करोड़ रुपए का लोन लेने की बात गुमराह करने वाली है. सीएम ने कहा कि इनमें से 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वेज एंड मीन्स की है, जिसे लोन में शामिल नहीं किया जा सकता.

वीडियो.

जयराम ठाकुर ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 2018-19 के दौरान केंद्र की तरफ से निर्धारित लोन सीमा से 1617 करोड़ रुपये कम लोन लिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने वर्ष 2007 से 2012 के दौरान 7465 करोड़ रुपये का लोन लिया.

वहीं, कांग्रेस ने 2012 से 2017 के दौरान 19195 करोड़ रुपये कर्ज लिया. उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को भी गलत करार दिया कि इस साल अनुपूरक बजट दो गुणा से भी अधिक था. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014-15 में कांग्रेस सरकार ने 7753 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित की थी.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में 13वें वित्तायोग से 4338 करोड़ रुपये का औसत अनुदान मिला. वहीं, 14वें वित्तायोग के दौरान प्रदेश को 14407 करोड़ रुपये का औसत अनुदान मिला. उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने पहले ही साल में 19309 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान जारी किया है और अगले पांच सालों में यह प्रदेश को मिलने वाला सर्वाधिक अनुदान है.

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जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार आय के संसाधन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है और अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश को आबकारी राजस्व के रूप में 1840 करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने बाह्य सहायता वाली परियोजनओं को लेकर विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकार दिया. सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा भेजे गए अधिकांश प्रोजेक्ट अंतिम चरण में हैं और अगले कुछ माह में इन पर काम शुरू हो जाएगा.

बजट पर चर्चा का जवाब देने के इस मौके पर सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो योजनाएं शुरू की हैं, उनका लोगों को बहुत लाभ मिला है. गृहिणी सुविधा योजना के तहत लाखों महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए.

हिमकेयर व आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री राहत कोष से 125 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लोगों को इलाज के लिए उपलब्ध करवाई गई. प्रदेश सरकार 5.74 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही है और इनमें से 1.50 लाख लोग 70 साल से अधिक आयु के हैं. मौजूदा बजट में 25 नई योजनाओं की घोषणा की गई है और अगले तीन सालों में प्रदेश के अनुसूचित जाति के हर पात्र व्यक्ति के पास अपना मकान होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार एयर कनेक्टिविटी और शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान दे रही है. सदन में विधानभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि बजट अनुमानों पर चार दिनों तक हुई चर्चा में कुल 50 सदस्यों ने भाग लिया. यह चर्चा 15.30 घंटे चली. चर्चा में सत्तादल भाजपा के 30, विपक्षी दल कांग्रेस के 18, माकपा के एक और एक निर्दलीय सदस्य ने हिस्सा लिया. सदन में अब 22 मार्च तक मिड ब्रेक होगी. अब सत्र की कार्यवाही 23 मार्च सोमवार से होगी.

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