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सीएम ने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की दी बधाई, कोरोना से बचाव का भी किया आग्रह - himachal pradesh news

सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए प्रभु श्रीराम से सबके जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने की प्रार्थना की.

सीएम ने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की दी बधाई
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Published : Oct 25, 2020, 8:08 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए प्रभु श्रीराम से सबके जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने की प्रार्थना की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू का अंतर राष्ट्रीय दशहरा हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुल्लू दशहरे को उस भव्य तरीके से नहीं माना पाए, लेकिन उसके बावजूद भी संस्कृति का सम्मान करते हुए जिस प्रकार भी आयोजित कर सकते थे आयोजित किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आज की परिस्थितियों में जो भी आवश्यकता है उन नियमों को माना जाए. दरअसल प्रशासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिनग और अन्य दिशा निर्देश का पालन करते हुए इस बाद कुल्लू दशहरे के आयोजन किया जा रहा है. जिसके कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे में केवल मात्र धार्मिक रिवाज ही पूरे किए जा रहे है.

वीडियो.

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ शुरू हो गया है। पहली बार इतने कम देवी देवताओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया और कोरोना के संकट के चलते मात्र 200 श्रद्धालु ही इसमें शामिल हो सके। रथयात्रा में देवता बिजली महादेव, नाग धुम्बल, ब्रह्मा, गोहरी, जमलू ऋषि, लक्ष्मी नारायण, देवी हिडिम्बा, त्रिपुरा सुंदरी, ने भाग लिया.

दोपहर करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ अपने हारियानों के साथ अपने मन्दिर से ढालपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा लोअर ढालपुर व ढालपुर बाजार को बंद रखा गया. वहीं, ढालपुर में लोगों की भीड़ न हो सके इसके लिए भी जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई.

हालांकि रथ मैदान के आसपास लोगो की भीड़ जुट रही थी, लेकिन पुलिस ने लोगों को रथ मैदान से दूर ही रखा और लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा देखी. भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही मैदान ढोल नगाड़ों की थाप से गूंज उठा और पूरा मैदान भक्तिमय हो उठा.

मैदान आने पर पुजारियों के द्वारा भगवान की पूजा की गई और भगवान को रथ पर विराजमान किया गया. वहीं, देवी भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू की गई और भगवान अगले 7 दिनों के लिए ढालपुर के अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हो गए. इस रथयात्रा में 7 देवी देवताओं ने अपने हारियानों के साथ भाग लिया और सभी हारियानों ने फेस कवर के साथ साथ सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन किया.

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए प्रभु श्रीराम से सबके जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने की प्रार्थना की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू का अंतर राष्ट्रीय दशहरा हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुल्लू दशहरे को उस भव्य तरीके से नहीं माना पाए, लेकिन उसके बावजूद भी संस्कृति का सम्मान करते हुए जिस प्रकार भी आयोजित कर सकते थे आयोजित किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आज की परिस्थितियों में जो भी आवश्यकता है उन नियमों को माना जाए. दरअसल प्रशासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिनग और अन्य दिशा निर्देश का पालन करते हुए इस बाद कुल्लू दशहरे के आयोजन किया जा रहा है. जिसके कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे में केवल मात्र धार्मिक रिवाज ही पूरे किए जा रहे है.

वीडियो.

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ शुरू हो गया है। पहली बार इतने कम देवी देवताओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया और कोरोना के संकट के चलते मात्र 200 श्रद्धालु ही इसमें शामिल हो सके। रथयात्रा में देवता बिजली महादेव, नाग धुम्बल, ब्रह्मा, गोहरी, जमलू ऋषि, लक्ष्मी नारायण, देवी हिडिम्बा, त्रिपुरा सुंदरी, ने भाग लिया.

दोपहर करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ अपने हारियानों के साथ अपने मन्दिर से ढालपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा लोअर ढालपुर व ढालपुर बाजार को बंद रखा गया. वहीं, ढालपुर में लोगों की भीड़ न हो सके इसके लिए भी जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई.

हालांकि रथ मैदान के आसपास लोगो की भीड़ जुट रही थी, लेकिन पुलिस ने लोगों को रथ मैदान से दूर ही रखा और लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा देखी. भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही मैदान ढोल नगाड़ों की थाप से गूंज उठा और पूरा मैदान भक्तिमय हो उठा.

मैदान आने पर पुजारियों के द्वारा भगवान की पूजा की गई और भगवान को रथ पर विराजमान किया गया. वहीं, देवी भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू की गई और भगवान अगले 7 दिनों के लिए ढालपुर के अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हो गए. इस रथयात्रा में 7 देवी देवताओं ने अपने हारियानों के साथ भाग लिया और सभी हारियानों ने फेस कवर के साथ साथ सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन किया.

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