शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सेशन में शुक्रवार को विधायकों की गाड़ियों के चालान के बहाने जन प्रतिनिधियों की गरिमा का मामला खूब छाया रहा. विधायकों ने कहा कि सब ज्यूडिशयरी और पुलिस को भी अपनी सीमाओं में रहने की जरूरत है. दरअसल कांग्रेस विधायक भवानी पठानिया ने बीते दिनों अपनी गाड़ी के चालान का मामला उठाया था. पॉइंट ऑर्डर के तहत भवानी पठानिया ने कहा कि उनकी गाड़ी का चालान करने वाले सब ज्यूडिशयरी जज ने खुद अपनी गाड़ी में नेम प्लेट लगाई थी.
सबने बताए अपने अनुभव- सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने जमकर अपने अनुभव बताए और कहा कि विधानसभा सचिवालय को मजबूत किया जाए तथा एमएलए नामक संस्था की गरिमा की हिफाजत होनी चाहिए. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह ने एक कमेटी के गठन का एलान किया. सीएम ने कहा कि पक्ष व विपक्ष के सदस्य इस कमेटी में शामिल होंगे. विधायकों की गरिमा के सवाल पर सभी एकजुट थे लेकिन सीएम ने ये भी कहा कि विधायक भी कानून से ऊपर नहीं हैं.
'जनप्रतिनिधियों को टारगेट किया जा रहा है'- पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत भवानी पठानिया ने कहा कि उनकी गाड़ी का चालान सिर्फ फ्लैग-रोड होने की वजह से किया गया. इसके बाद सदन में आईडी लखनपाल, केवल सिंह पठानिया, आशीष बुटेल, सुरेश कुमार, मलेंद्र राजन, चन्द्र कुमार, हरीश जनारथा आदि ने नाराजगी जताई कि जन प्रतिनिधियों को टारगेट किया जा रहा है. धर्मपुर के एमएलए चन्द्र शेखर ने कहा कि विधायकों को डीसी ऑफिस में चैम्बर मिलने चाहिए. पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ने कहा कि उनके पास भी पुलिस व सब ज्यूडिशयरी से जुड़े कई अनुभव हैं. उन्होंने सीटीओ चौक शिमला में अपने साथ पुलिस द्वारा किये गए व्यवहार का किस्सा सुनाया. उन्होंने ज्यूडिशयरी एक्टिविज्म का सन्दर्भ भी दिया और कहा कि कई बार सरकारों को ज्यूडिशयरी के दवाब में काम करना मुश्किल हो जाता है.
सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि विधानसभा सचिवालय को मजबूत किया जाएगा. जल्द कमेटी का गठन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समय के साथ विधानसभा सचिवालय के अधिकार कमजोर हुए हैं. लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधि की गरिमा बनी रहनी चाहिए.
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