शिमला: पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और हीलिंग हिमालय द्वारा रविवार को शिमला में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य हिमालय की प्राकृतिक सुन्दरता को संरक्षित करना, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्षेत्रीय प्रयास एवं संचालन के लिए रणनीतियों पर मंथन करना और अपशिष्ट प्रबंधन व कचरा प्रबंधन में शामिल सभी लोगों के साथ भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करके इनका समाधान निकालना था.
25 जून से शुरू होगा स्वच्छता अभियान: पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक ललित जैन ने कचरा प्रबन्धन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर विभाग द्वारा किए गए कार्यों और बाई बैक पॉलिसी के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की. हीलिंग हिमालय के डॉ. प्रदीप सांगवान और पर्यावरण विभाग के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुरेश अत्री ने पंचायती स्तर पर किए गए कचरा प्रबंधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 25 जून से हिमाचल में 10 हजार लोगों को जोड़कर पर्यावरण विभाग और हीलिंग हिमालय प्रदेश में स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रहा है.
दिया मिर्जा ने किया स्वच्छता के लिए प्रेरित: इस अवसर पर यूएनईपी गुडविल एंबेसडर दिया मिर्जा ने अपने भाषण में भारत को स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर और एक जिम्मेदार नागरिक होने के चलते अपने आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित किया. वहीं, संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा एवं श्याम लाल पुनिया ने ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन और प्लास्टिक प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी सामने रखी.
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था से दीपक शर्मा ने देश में स्वच्छता अभियान के तहत संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला. सभी प्रतिभागियों ने कचरे की रीसाइक्लिंग, कलेक्शन, अपशिष्ट प्रबंधन, शून्य अपशिष्ट, स्वच्छता कार्यक्रम, पर्यटन विभाग के तहत अपशिष्ट प्रबंधन पर नीति निर्माण और स्वच्छता कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की. इस अवसर पर संयुक्त सचिव सतपाल धीमान ने स्कूलों, कॉलेजों में इको क्लबों के माध्यम से कचरा प्रबंधन पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया.
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