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शहर में बर्फबारी के तीसरे दिन भी हालत खाराब, सीटू कार्यकर्ताओं ने सड़कों से हटाई बर्फ

राजधानी शिमला में शुक्रवार को शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम शिमला निंदा की है. नगर निगम की लापरवाही के बाद सीटू कार्यकर्ताओं ने बर्फ हटाने का कार्य किया और नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

citu workers removed snow
शहर में बर्फबारी के तीसरे दिन भी हालत खाराब.
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Published : Jan 10, 2020, 8:02 PM IST

शिमला: पिछले कुछ दिनों से पूरे प्रदेश और राजधानी शिमला की सड़कें बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, भारी बर्फबारी से लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने लिए परेशानियों से जूझना पड़ रहा हैं. बर्फबारी से शहर में हो रही परेशानियों के लिए शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम निंदा की है.

शुक्रवार को सीटू कार्यकर्ताओं ने शहर की सड़कों से बर्फ हटाने का काम अपने हाथ में लिया और कालीबाड़ी से तारा हॉल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम किया. वहीं, सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नगर निगम की ओर से रास्तों की सफाई न होने पर सीटू कार्यकर्ता पूरे शहर में अपने स्तर पर बर्फ हटाने की मुहिम चलाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.

पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.

पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.

शिमला: पिछले कुछ दिनों से पूरे प्रदेश और राजधानी शिमला की सड़कें बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, भारी बर्फबारी से लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने लिए परेशानियों से जूझना पड़ रहा हैं. बर्फबारी से शहर में हो रही परेशानियों के लिए शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम निंदा की है.

शुक्रवार को सीटू कार्यकर्ताओं ने शहर की सड़कों से बर्फ हटाने का काम अपने हाथ में लिया और कालीबाड़ी से तारा हॉल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम किया. वहीं, सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नगर निगम की ओर से रास्तों की सफाई न होने पर सीटू कार्यकर्ता पूरे शहर में अपने स्तर पर बर्फ हटाने की मुहिम चलाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.

पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.

पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.

Intro:शहर में बर्फबारी के तीसरे दिन भी हालत बत्तर , सीटू ने सड़को पर उतर साफ की बर्फ
शिमला।

शिमला नागरिक सभा ने शिमला शहर में बर्फबारी के बाद पैदा हुई अव्यवस्था के लिये नगर निगम शिमला की निंदा की है।

सीटू कार्यकर्ता ने कालीबाड़ी से तारा हॉल के रास्ते पर से बर्फ हटाई । नगर निगम के फेल होने के बाद बर्फ हटाने का कार्य सीटू कार्यकर्ताओं ने अपने हाथ में ले लिया व इस रास्ते की पूरी सफाई की। सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि अगर नगर निगम रास्तों को साफ नहीं करता है तो फिर सीटू कार्यकर्ता पूरे शहर में बर्फ को हटाने के लिए अपने स्तर पर मुहिम चलाएंगे।
Body:नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा है कि बेहद आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह फेल हुई है। हालात ये हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते बंद हैं व बसें नहीं चल रही हैं। एम्बुलेंस तक भी चल नहीं पा रही है। बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। पूरा वर्ष भर चलने वाली आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की इस बर्फबारी में पूरी पोल खुल गयी है। शहर की जनता भारी परेशानी में है। पिछले तीन दिनों से कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है। पानी की पाइपें टूटी पड़ी हुई हैं। कई वार्डों में दो दिन से बिजली नहीं है। शहर में तीन दिन से कोई कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। अभी तक शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ नहीं हटी है। बर्फबारी के कारण दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। शहर में कर्मचारी व मजदूर वर्ग पिछले तीन दिनों से अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। शहर में पिछले तीन दिन से गैस का वितरण भी रुका हुआ है व लोग भारी ठंड में गैस से वंचित हो रहे हैं।

Conclusion:
मेहरा ने कहा कि निगम शिमला की लापरवाही इस बात से ही स्पष्ट हो जाती है कि बर्फबारी से निपटना तो दूर बर्फबारी से निपटने के लिए सड़कों के किनारे मिट्टी,रेत व जीरा आदि रखने में भी नगर निगम पूरी तरह असफल रहा है। नगर निगम का जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग से तालमेल बिठाने में बिल्कुल नाकामयाब रहा है।
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