शिमला: पिछले कुछ दिनों से पूरे प्रदेश और राजधानी शिमला की सड़कें बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, भारी बर्फबारी से लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने लिए परेशानियों से जूझना पड़ रहा हैं. बर्फबारी से शहर में हो रही परेशानियों के लिए शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम निंदा की है.
शुक्रवार को सीटू कार्यकर्ताओं ने शहर की सड़कों से बर्फ हटाने का काम अपने हाथ में लिया और कालीबाड़ी से तारा हॉल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम किया. वहीं, सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नगर निगम की ओर से रास्तों की सफाई न होने पर सीटू कार्यकर्ता पूरे शहर में अपने स्तर पर बर्फ हटाने की मुहिम चलाएंगे.
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.
पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.
पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.