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IGMC Shimla के बाहर 2 महीने के बच्चे के साथ महिला गार्ड धरने पर बैठी, CITU ने सुरक्षा कंपनी को बताया फर्जी, आंदोलन की दी चेतावनी

आईजीएमसी शिमला से गार्डों को निकाले जाने के विरोध में सीटू और सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान अस्पताल के बाहर 2 महीने के बच्चे के साथ एक महिला गार्ड धरने पर बैठ गई. इस मौके पर कर्मचारियों ने आईजीएमसी शिमला में फिर से नौकरी पर वापस रखने की मांग की. साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी...(IGMC Shimla) (IGMC Shimla Guard protest )

IGMC Shimla
आईजीएमसी शिमला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Oct 18, 2023, 3:22 PM IST

IGMC Shimla के बाहर 2 महीने के बच्चे के साथ महिला गार्ड धरने पर बैठी

शिमला: आईजीएमसी शिमला से गार्ड्स को निकाले जाने के विरोध में सीटू के बैनर तले सुरक्षा कर्मियों ने अस्पताल गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान नौकरी से निकाली गई महिला सुरक्षाकर्मी अपने 2 महीने के बच्चे साथ धरने पर बैठी नजर आई. वहीं, कर्मचारियों ने सुरक्षा कंपनी को फर्जी बताया. साथ ही मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की.

आईजीएमसी शिमला के बाहर बच्चे के साथ धरने पर बैठी रीना ने कहा वो अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ करती थी, लेकिन उन्हें बिना कारण निकाल दिया गया. राजनीति की वजह से बिना कारण गार्ड्स को निकाला जा रहा है. सीटू अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने कहा आईजीएमसी में जो नई सुरक्षा कंपनी आयी है, यह नियमों को पूरा नहीं करती है. कंपनी द्वारा टेंडर में जो मापदंड दिया गया है, उसे वो पूरा नहीं कर रही है.

मेहरा ने कहा उन्हें उकसाया जा रहा है. प्रशासन कहता है कि गेट पर धरना देने से क्या होगा तो, उन्हें हम बता देना चाहते है कि आंदोलन को उग्र किया जायेगा ओर मॉल रॉड, आईजीएमसी रिज पर धारा 144 तोड़कर प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही गिरफ्तारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा कंपनी ओर आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ पीएम को पत्र लिखेंगे, सीएम से मिलेंगे और कंपनी के खिलाफ जांच के लिए कमेटी गठन की मांग करेंगे.

सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा आईजीएमसी में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं. यहां हायर एँड फायर नीति जारी है. आईजीएमसी शिमला से कानून का गला घोंटकर 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया. जिसमें से 24 सुरक्षा कर्मियों को अभी भी काम पर वापिस नहीं लिया गया है. यह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 का भी उल्लंघन है. उन्होंने कहा 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखने का निर्णय गैर कानूनी है. इसे वापस लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आईजीएमसी में हड़ताल होगी.

उन्होंने आईजीएमसी प्रबंधन से वार्ड अटेंडेंटों और सफाई कर्मियों की तर्ज पर सभी सुरक्षा कर्मियों को नए ठेकेदार के पास पुनर्नियुक्ति देने की मांग की. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सुरक्षा कर्मियों और कोविड कर्मियों की फिर से नियुक्ति नहीं की गई तो आंदोलन तेज होगा.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: अवैध तौर पर डंप मलबे को हटाने का खर्च आंका 64 लाख, दोषी ठेकेदार को 5.81 लाख जुर्माने पर हाईकोर्ट नाखुश, पीडब्ल्यूडी को लगाई लताड़

IGMC Shimla के बाहर 2 महीने के बच्चे के साथ महिला गार्ड धरने पर बैठी

शिमला: आईजीएमसी शिमला से गार्ड्स को निकाले जाने के विरोध में सीटू के बैनर तले सुरक्षा कर्मियों ने अस्पताल गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान नौकरी से निकाली गई महिला सुरक्षाकर्मी अपने 2 महीने के बच्चे साथ धरने पर बैठी नजर आई. वहीं, कर्मचारियों ने सुरक्षा कंपनी को फर्जी बताया. साथ ही मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की.

आईजीएमसी शिमला के बाहर बच्चे के साथ धरने पर बैठी रीना ने कहा वो अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ करती थी, लेकिन उन्हें बिना कारण निकाल दिया गया. राजनीति की वजह से बिना कारण गार्ड्स को निकाला जा रहा है. सीटू अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने कहा आईजीएमसी में जो नई सुरक्षा कंपनी आयी है, यह नियमों को पूरा नहीं करती है. कंपनी द्वारा टेंडर में जो मापदंड दिया गया है, उसे वो पूरा नहीं कर रही है.

मेहरा ने कहा उन्हें उकसाया जा रहा है. प्रशासन कहता है कि गेट पर धरना देने से क्या होगा तो, उन्हें हम बता देना चाहते है कि आंदोलन को उग्र किया जायेगा ओर मॉल रॉड, आईजीएमसी रिज पर धारा 144 तोड़कर प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही गिरफ्तारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा कंपनी ओर आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ पीएम को पत्र लिखेंगे, सीएम से मिलेंगे और कंपनी के खिलाफ जांच के लिए कमेटी गठन की मांग करेंगे.

सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा आईजीएमसी में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं. यहां हायर एँड फायर नीति जारी है. आईजीएमसी शिमला से कानून का गला घोंटकर 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया. जिसमें से 24 सुरक्षा कर्मियों को अभी भी काम पर वापिस नहीं लिया गया है. यह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 का भी उल्लंघन है. उन्होंने कहा 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखने का निर्णय गैर कानूनी है. इसे वापस लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आईजीएमसी में हड़ताल होगी.

उन्होंने आईजीएमसी प्रबंधन से वार्ड अटेंडेंटों और सफाई कर्मियों की तर्ज पर सभी सुरक्षा कर्मियों को नए ठेकेदार के पास पुनर्नियुक्ति देने की मांग की. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सुरक्षा कर्मियों और कोविड कर्मियों की फिर से नियुक्ति नहीं की गई तो आंदोलन तेज होगा.

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Last Updated : Oct 18, 2023, 3:22 PM IST
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