शिमला: राजधानी शिमला में कोरोना काल में कूड़ा शुल्क को माफ करने को लेकर नागरिक सभा ने नगर निगम से मांग उठाई है. इसे लेकर बुधवार को नागरिक सभा ने नगर निगम की महापौर और उप महापौर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान नगर निगम शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान भी मौजूद रहे.
शिमला नागरिक सभा का कहना है कि कोविड-19 के चलते कई लोगों का रोजगार चला गया है और लोगों को मकानों का किराना देना मुश्किल हो गया है. ऐसे में पानी-कूड़े का बिल देने के लिए लोगों के पास पैसे नहीं हैं. ऐसे में नगर निगम को शहरवासियों को राहत देते हुए पांच महीने का कूड़ा शुल्क माफ करना चाहिए.
नागरिक सभा शिमला के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोविड के दौरान नगर निगम की ओर से लोगों को राहत नहीं दी गई है. शहर में लोगों के पास रोजगार नहीं है और काफी लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस दौरान कई घरों से कूड़ा भी नहीं उठाया जा रहा है. कई लोग महामारी के चलते अपने गांव चले गए हैं, लेकिन नगर निगम सभी से कूड़ा शुल्क वसूलने की बात कर रहा है.
नागरिक सभा शिमला ने नगर निगम से लोगों का पांच महीने का कूड़ा शुल्क माफ करने को लेकर ज्ञापन सौंपा और इस मामले को मासिक बैठक में प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजने का आग्रह किया है. बता दें कि शिमला में नगर निगम डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करता है और इसके लिए हर माह 80 रुपये कूड़ा शुल्क वसूला जाता है. कोरोना के चलते लोगों से कूड़ा शुल्क नहीं लिया गया था. लोगों से निगम अब एक साथ 5 महीने का शुल्क वसूलने जा रहा है.