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वेंटिलेटर खरीद मामला: फर्जी पत्र लिखने वाला आरोपी पंजाब से गिरफ्तार

वेंटिलेटर खरीद घोटाले मामले में पुलिस ने गुमनाम पत्र लिखने वाले आरोपी को पंजाब के खरड़ से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान शादी लाल निवासी करट के रुप में हुई है और वो कार्डियो लैब का पूर्व कर्मचारी है, लेकिन इसे 2019 में ही कंपनी से हटाया दिया गया था.

ventilator purchase case
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Published : Aug 5, 2020, 7:13 PM IST

शिमला: हिमाचल में चर्चा में रहे वेंटिलेटर खरीद घोटाला मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने गुमनाम पत्र लिखने वाले आरोपी को पंजाब के खरड़ से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान शादी लाल निवासी करट के रुप में हुई है और वो कार्डियो लैब का पूर्व कर्मचारी है, लेकिन इसे 2019 में ही कंपनी से हटाया दिया गया था.

मिली जानकारी के अनुसार सीआईडी ब्रांच को एक छदन नाम से एक पत्र मिला था, जिसमें आरोप था कि एचपीएसीडी ने घटिया और कम लागत वाले वेंटिलेटर 10 लाख रुपये प्रति यूनिट से खरीदे हैं, जबकि हिमाचल व हरियाणा के निजी अस्पतालों में 3 लाख रुपये में बेचे गए हैं.

वीडियो.

साथ ही 3 लाख के वेंटिलेटर्स को 10 लाख में खरीद कर पैसे की बर्बादी की गई है. ऐसे में सीआईडी क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी जांच में पाया था कि वेंटिलेटर खरीद मामले में कोई अनिमियता नहीं पाई गई है और सीएम जयराम ठाकुर के नाम गुमनाम पत्र बदनाम करने के लिए प्रेषित किया गया है.

पत्र में जो पता दिया गया था वो फर्जी था, लेकिन क्राइम ब्रांच ने ये पता लगा लिया कि पत्र चंडीगढ़ सेक्टर-47 के पोस्ट ऑफिस से पोस्ट हुआ था. क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान 50 लोगों से बात की और पता चला कि मोहाली के कार्डियो लैब के पूर्व कर्मचारी ने ये लेटर लिखा है. वहीं, आरोपी को गिरफ्तार करके जब उससे पूछताछ की गई, तो आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया.

बता दें कि आरोपी 2014 से 2019 तक मोहाली के कार्डियो लैब में काम कर रहा था, लेकिन कंपनी मालिक ने नवम्बर 2019 में आरोपी को निकाल दिया था. जिससे आरोपी ने बदला लेने के मकसद से गुमनाम पत्र भेजने की साजिश रची.

डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि इस मामले को सुलझाने में दो महीनों का समय लगा है, लेकिन आखिरकार पत्र लिखने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच पूरी करके कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: पांवटा गुरुद्वारा कमेटी गोबिंदगढ़ मोहल्ले की मदद के लिए आया आगे, 500 परिवारों को भेजेगा राशन

शिमला: हिमाचल में चर्चा में रहे वेंटिलेटर खरीद घोटाला मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने गुमनाम पत्र लिखने वाले आरोपी को पंजाब के खरड़ से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान शादी लाल निवासी करट के रुप में हुई है और वो कार्डियो लैब का पूर्व कर्मचारी है, लेकिन इसे 2019 में ही कंपनी से हटाया दिया गया था.

मिली जानकारी के अनुसार सीआईडी ब्रांच को एक छदन नाम से एक पत्र मिला था, जिसमें आरोप था कि एचपीएसीडी ने घटिया और कम लागत वाले वेंटिलेटर 10 लाख रुपये प्रति यूनिट से खरीदे हैं, जबकि हिमाचल व हरियाणा के निजी अस्पतालों में 3 लाख रुपये में बेचे गए हैं.

वीडियो.

साथ ही 3 लाख के वेंटिलेटर्स को 10 लाख में खरीद कर पैसे की बर्बादी की गई है. ऐसे में सीआईडी क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी जांच में पाया था कि वेंटिलेटर खरीद मामले में कोई अनिमियता नहीं पाई गई है और सीएम जयराम ठाकुर के नाम गुमनाम पत्र बदनाम करने के लिए प्रेषित किया गया है.

पत्र में जो पता दिया गया था वो फर्जी था, लेकिन क्राइम ब्रांच ने ये पता लगा लिया कि पत्र चंडीगढ़ सेक्टर-47 के पोस्ट ऑफिस से पोस्ट हुआ था. क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान 50 लोगों से बात की और पता चला कि मोहाली के कार्डियो लैब के पूर्व कर्मचारी ने ये लेटर लिखा है. वहीं, आरोपी को गिरफ्तार करके जब उससे पूछताछ की गई, तो आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया.

बता दें कि आरोपी 2014 से 2019 तक मोहाली के कार्डियो लैब में काम कर रहा था, लेकिन कंपनी मालिक ने नवम्बर 2019 में आरोपी को निकाल दिया था. जिससे आरोपी ने बदला लेने के मकसद से गुमनाम पत्र भेजने की साजिश रची.

डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि इस मामले को सुलझाने में दो महीनों का समय लगा है, लेकिन आखिरकार पत्र लिखने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच पूरी करके कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा.

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