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सर्दियों में कोरोना महामारी से बच्चों का बचाव जरूरी, परिजन इन बातों का रखें खास ख्याल - corona affected children

बाल रोग चिकित्सक ने चिंता जताई है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए परिजनों को एहतियात बरतने होंगे. आगामी 2 महीनों तक अगर एहतियात नहीं बरते गए तो इसका परिणाम घातक हो सकता है.

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Published : Nov 21, 2020, 4:08 PM IST

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हर रोज प्रदेश में औसतन कोरोना के 500 मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, सर्दियों का मौसम आने से महामारी फैलने का खतरा और भी बढ़ गया है.

ऐसे में बाल रोग चिकित्सक ने चिंता जताई है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए परिजनों को एहतियात बरतने होंगे. आगामी 2 महीनों तक अगर एहतियात नहीं बरते गए तो इसका परिणाम घातक हो सकता है.

वीडियो

आईजीएमसी में चिल्ड्रन वॉर्ड के एचओडी डॉ. अश्वनी सूद ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि हालांकि अभी तक प्रदेश में ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमित नहीं आए हैं, लेकिन अगर दिसंबर और जनवरी महीने में परिजनों ने सावधानी नहीं बरती तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है.

डॉक्टर का कहना है कि परिजनों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और निरंतर अंतराल में हाथों का धोना जरूरी है, जिससे उनके बच्चे भी काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे.

डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि यदि कोई माता कोरोना संक्रमित है और उसका बच्चा नवजात है तो बच्चे को दूध पिलाने से पहले मास्क और सफाई का खास ख्याल रखें, जिससे बच्चे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हर रोज प्रदेश में औसतन कोरोना के 500 मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, सर्दियों का मौसम आने से महामारी फैलने का खतरा और भी बढ़ गया है.

ऐसे में बाल रोग चिकित्सक ने चिंता जताई है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए परिजनों को एहतियात बरतने होंगे. आगामी 2 महीनों तक अगर एहतियात नहीं बरते गए तो इसका परिणाम घातक हो सकता है.

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आईजीएमसी में चिल्ड्रन वॉर्ड के एचओडी डॉ. अश्वनी सूद ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि हालांकि अभी तक प्रदेश में ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमित नहीं आए हैं, लेकिन अगर दिसंबर और जनवरी महीने में परिजनों ने सावधानी नहीं बरती तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है.

डॉक्टर का कहना है कि परिजनों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और निरंतर अंतराल में हाथों का धोना जरूरी है, जिससे उनके बच्चे भी काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे.

डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि यदि कोई माता कोरोना संक्रमित है और उसका बच्चा नवजात है तो बच्चे को दूध पिलाने से पहले मास्क और सफाई का खास ख्याल रखें, जिससे बच्चे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

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