शिमला: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय विशेष कार्य बल की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश में चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उन्मूलन से संबंधित कार्ययोजना की समीक्षा की गई. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि राज्य में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है.उन्होंने सभी विभागों से आग्रह किया कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में विशेष अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करें ताकि इसके उपयोग को पूरी तरह से बंद किया जा सके. (Prabodh Saxena On Single Use Plastic)
उन्होंने शहरी विकास और अन्य संबंधित विभागों को फिल्ड निरीक्षण बढ़ाने और सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष तौर पर निगरानी बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने संबंधित जिले में इस कार्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि डाटा संकलन और निगरानी के साथ ही जागरूकता पैदा करने और क्षमता निर्माण पर भी बल दिया जाना चाहिए. (Strictness on single use plastic in Himachal)
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश दिए कि सरकारी एवं अर्द्ध-सरकारी और अन्य विभिन्न संगठनों के कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित उत्पादों के उपयोग को कम कर इसके उन्मूलन के लिए कदम उठाना सुनिश्चित करें. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि जिला, शहरी निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर सभी चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर रोक संबंधी नियमों की अनुपालना सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही प्रतिबन्धित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए नवोन्मेष (innovation) को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
2022 में 13.50 लाख रुपये का हुआ चालान: वहीं, निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ललित जैन ने राज्य में विस्तृत कार्ययोजना के क्रियान्वयन के बारे में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के उपयोग पर संबंधित प्रतिष्ठानों एवं व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालान के माध्यम से लगभग 13.50 लाख रुपये वसूल किए गए. बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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