शिमला: हिमाचल में छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कर रहे सीबीआई को आरोपियों से पूछताछ के दौरान अहम सुराग मिले हैं. 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा की पत्नी बबिता राज्टा ने माना कि वह खुद छात्रवृत्ति का हिस्सा लेने शिमला और चंडीगढ़ जाती थी. करोड़ों की इस राशि को एक शेल कंपनी के जरिये डायवर्ट किया जाता था.
2013 में खरीदी थी शैल कंपनी
इसके अलावा वह वर्ष 2013 में छात्रवृत्ति का पैसा डायवर्ट करने के लिए कंपनी खरीदी थी. एएसए सॉल्यूशन नाम की इस कंपनी को खरीदने का मकसद छात्रवृत्ति की करोड़ों की राशि को डायवर्ट करना था. यह एक शेल कंपनी थी.
सीबीआई अन्य संपत्तियों का लगा रही पता
इसके अलावा दोनों निदेशकों से भी उनके संपत्ति के ब्योरों समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियां केंद्रीय जांच एजेंसी ने जुटाई हैं. अब जांच एजेंसी इस बात का पता लगा रही है कि करोड़ों की छात्रवृत्ति की रकम से उन्होंने कहां-कहां संपत्तियां बनाई हैं.
ये भी पढ़ें: अंतरजातीय विवाह के खिलाफ अपनों ने बेटी को बनाया था बंधक, लड़की की स्वतंत्रता सुनिशचित करे सरकार: HC
आरोपी बबिता को सीबीआई ने ठियोग कोर्ट में शनिवार को पेश किया था. जहां से उन्हें सोमवार तक हिरासत में भेजा था और सोमवार को सीबीआई कोर्ट में आरोपी बबिता की जमानत पर फैसला होना है.
आरोपी के करीबी और बैंकों अफसरों की जांच शुरू
गौरतलब है कि सीबीआई ने हाल ही में पांच जगह दी दबिश के दौरान कब्जे में लिए दस्तावेजों की जांच भी शुरू कर दी है. आने वाले समय में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती हैं. इसमें आरोपी राज्टा के करीबी और बैंकों के अफसर शामिल हैं. जांच एजेंसी इस मामले में बैंक अफसरों से पैसों के लेन-देन और कमीशन को लेकर सवाल-जवाब कर रही है.
बैंक अफसरों पर आरोप है कि इन्होंने संस्थान के निदेशकों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से करोड़ों की राशि को उनके खातों में ट्रांसफर किया. इसमें फर्जी वाउचर से लेकर कई अनियमितताएं बरती गईं.
ये भी पढ़ें: चिनार कोर की जिम्मेदारी संभालेंगे जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे, हिमाचल से रखते हैं खास नाता