शिमला: आईजीएमसी में कोरोना मरीज की मौत पर परिजनों ने प्रशासन पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि ऑक्सीजन लेवल कम होने के बावजूद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं दी गई, जिसके कारण उनके मरीज की मौत हुई है.
मामले में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज और प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे. मृतक 51 वर्षीय व्यक्ति सोलन के कंडाघाट के रहने वाला था. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति को 12 मई को रिपन अस्पताल लाया गया था. हालत गंभीर देखते हुए उन्हें आईजीएमसी रेफर कर दिया गया.
'ऑक्सीजन मांगी तो आनाकानी'
महिला ने आरोप लगाए कि उनके पति का ऑक्सीजन लेवल 31 तक पहुंच गया था, बावजूद इसके उन्होंने रिकवर किया और ऑक्सीजन लेवल 95 तक पहुंच गया. वहीं रविवार को जब उनके पति का ऑक्सीजन लेवल दोबारा से कम होने लगा तो उन्होंने वार्ड में तैनात नर्सों और प्रशिक्षु चिकित्सकों से ऑक्सीजन मांगी तो वह आनाकानी करने लगे.
'कोई ऑक्सीजन नहीं दी गई'
महिला का आरोप है कि उनके पति का ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता गया और 43 तक पहुंच गया मगर कोई ऑक्सीजन नहीं दी गई. महिला ने बताया कि वह तब तक ऑक्सीजन के लिए नर्सों और अन्य स्टाफ के आगे दौड़ती रही, जब तक उनके पति की मौत नहीं हो गई.
'कोई बात नहीं सुन रहा था'
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत के लिए प्रशासन जिम्मेदार है. वहां पर कोई सीनियर डॉक्टर नहीं आया, जबकि जूनियर डॉक्टर उनकी कोई बात नहीं सुन रहे थे. वहीं, इस बारे में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और वह मामले की जांच कर रहे हैं.
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