शिमला: प्रदेश के सरकारी विभागों और बोर्डों-निगमों में करीब 70 हजार पद खाली चल रहे हैं. जिनमें से अकेले शिक्षा विभाग में 16 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं. शिक्षा विभाग के तहत अधिकतर खाली पद दूरदराज इलाकों में है. कैबिनेट सब कमेटी इन इलाकों में शिक्षकों की भर्ती और तैनाती को लेकर पॉलिसी बनाएगी. रोजगार के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी की आज एक बैठक हुई. जिसमें सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्तियों को लेकर चर्चा की गई. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की इस बैठक में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर शामिल रहे.
इस बैठक में खाली पड़े पदों पर भर्तियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. सब कमेटी ने विशेषकर शिक्षा विभाग में प्राथमिकता के आधार पर भर्तियां करने को लेकर जल्द सिफारिश सरकार से करने का फैसला लिया है. यह भी तय किया गया है कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए कोई नीति बनाई जाए. प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हुए हैं. कॉलेजों और स्कूलों में कई जगह साइंस और कॉमर्स विषय के शिक्षक नहीं है, जिसकी वजह से ग्रामीण इलाकों के छात्र या तो इन विषयों की पढ़ाई से महरूम हो रहे हैं या उनको शहरी क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा है.
'सरकारी विभागों, बोर्डों-निगमों में 70 हजार पद खाली': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बैठक के बारे में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राज्य में सभी विभागों और बोर्डों निगमों में विभिन्न श्रेणियों के करीब 3 लाख पद स्वीकृत हैं जिनमें से करीब 70 हजार खाली हैं. उन्होंने कहा कि पहली सब कमेटी की फरवरी माह में हुई बैठक में सभी विभागों से खाली पड़े पदों का ब्यौरा मांगा गया था, इसके अलावा कितनी भर्तियां पिछले पांच सालों में हुई हैं और कितने पदों पर प्रक्रिया जारी है, इसकी भी जानकारी मांगी गई थी. इसकी अधिकांश डिटेल आ चुकी है और कुछ विभागों से जानकारी आना बाकी है, इसके बाद इनको लेकर रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट में रखी जाएगी.
'पांच सालों में लोक सेवा आयोग ने 2375 व हमीरपुर चयन आयोग ने 15706 पद भरे': हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पिछले पांच सालों में भर्ती प्रक्रिया बेहद धीमी रही है. हिमाचल में लोक सेवा आयोग के माध्यम से बीते पांच सालों में 2375 पदों पर भर्तियां की गई जबकि 1097 पदों की भर्तियां पेंडिंग हैं, इसी तरह कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 15706 पदों पर भर्तियां की गईं. उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया काफी धीमी है, एक साल में मात्र 450 और 500 की भर्तियां हो हैं, इसकी एक वजह यह भी है कि भर्तियों की प्रक्रिया लंबी है. ऐसे में इन भर्तियों में तेजी कैसे लाई जाए, इसको लेकर सब कमेटी मंथन कर रही है.
'शिक्षा विभाग में भर्तियों में तेजी लाने को लेकर जल्द लिया जाएगा फैसला': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग में खाली पड़े पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा. विभाग के तहत होने वाली भर्तियों में कैसे तेजी आए, इसके लिए जल्द विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर कोई नीति बनाई जाएगी. इसमें दूर दराज के इलाकों में शिक्षकों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कांगड़ा चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पिति जिलों में खाली पड़े शिक्षकों की भर्ती और तैनाती को लेकर जल्द ही एक पॉलिसी बनाई जाएगी. शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में खाली पद हैं. विभाग में कुल 1.12 लाख पद हैं, जिनमें करीब 16 हजार खाली पड़ी, इसके लिए एक पालिसी बनाएंगे ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो.
'उद्योग और पर्यटन में रोजगार के अवसर किए जाएंगे सृजित': हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, इसमें से एक लाख रोजगार सरकारी क्षेत्र में देने की बात कही थी. इसके लिए सरकारी विभागों और बोर्डो में खाली पड़े पदों को भरा जाएगा. इसके साथ ही निजी क्षेत्रों के तहत उद्योगों में रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे. पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार कदम उठा रही है. हिमाचल में उद्योगों और पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष कदम उठा रही है, इससे हिमाचल की आय तो बढ़ेगी ही साथ में रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि करूणामूलक आधार पर भर्तियों को लेकर भी सरकार सहानुभूति पर विचार करेगी.
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