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शिमला शहर में 16 साल बाद फिर से बनेंगे BPL कार्ड, MC ने इस मासिक बैठक में लिया फैसला - शिमला लेटेस्ट न्यूज

शिमला शहर में अब दोबारा से बीपीएल कार्ड बनाए जाएंगे. फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद नगर निगम ने दोबारा से सर्वे करवाने के फैसला लिया है. नगर निगम की मासिक बैठक में कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने बीपीएल कार्ड में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए और दोबारा से नए सिरे से सर्वे की मांग की.

BPL cards will be made again after 16 years in Shimla city
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Published : Oct 29, 2020, 8:06 PM IST

शिमला: नगर निगम शिमला के क्षेत्र में अब दोबारा से बीपीएल कार्ड बनेंगे. फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद नगर निगम ने दोबारा से सर्वे करवाने के फैसला लिया है. नगर निगम की मासिक बैठक में कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने बीपीएल कार्ड में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए और दोबारा से नए सिरे से सर्वे की मांग की.

वहीं, नगर निगम ने सर्वे करवाने के लिए प्रस्ताव बैठक में पास किया गया. पार्षदों द्वारा अपात्र व्यक्तियों को बीपीएल परिवारों में शामिल करने के आरोप लगाए. कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने कहा कि निगम क्षेत्र में कई वर्षों से बीपीएल सर्वे नहीं हुआ है. जिससे जरूरतमंद लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है.

वीडियो.

इसके लिए सदन में मामला उठाया गया था और महापौर ने दोबारा से सर्वे करवाने का आश्वासन दिया है. वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि बीपीएल कार्ड दोबारा से बनाने का फैसला बैठक में लिया गया है और जल्द ही इसके लिए वार्ड स्तर पर कार्य किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जो भी बीपीएल फर्जीवाड़ा हुआ है उसकी जांच होनी चाहिए और जल्द ही पात्र लोगो को बीपीएल कार्ड बनाए जाएं, ताकि गरीबों को जल्द से जल्द आशियाना के तहत मकान आवंटित किए जा सकें.

बता दें कि सरकार ने नगर निगम शिमला के लिए बीपीएल परिवारों का कोटा तीन हजार टन किया गया है . लेकिन शहर में 14 सालों से शहर में बीपीएल परिवार का सर्वे नहीं हो पाया है. जिसके चलते नए परिवार बीपीएल का फायदा लेने से वंचित हैं.

शिमला शहर में 2006 के बाद बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए सर्वे नहीं किया गया है. वहीं, अब नगर निगम दोबारा से सर्वे करवाने जा रहा है.

शिमला: नगर निगम शिमला के क्षेत्र में अब दोबारा से बीपीएल कार्ड बनेंगे. फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद नगर निगम ने दोबारा से सर्वे करवाने के फैसला लिया है. नगर निगम की मासिक बैठक में कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने बीपीएल कार्ड में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए और दोबारा से नए सिरे से सर्वे की मांग की.

वहीं, नगर निगम ने सर्वे करवाने के लिए प्रस्ताव बैठक में पास किया गया. पार्षदों द्वारा अपात्र व्यक्तियों को बीपीएल परिवारों में शामिल करने के आरोप लगाए. कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने कहा कि निगम क्षेत्र में कई वर्षों से बीपीएल सर्वे नहीं हुआ है. जिससे जरूरतमंद लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है.

वीडियो.

इसके लिए सदन में मामला उठाया गया था और महापौर ने दोबारा से सर्वे करवाने का आश्वासन दिया है. वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि बीपीएल कार्ड दोबारा से बनाने का फैसला बैठक में लिया गया है और जल्द ही इसके लिए वार्ड स्तर पर कार्य किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जो भी बीपीएल फर्जीवाड़ा हुआ है उसकी जांच होनी चाहिए और जल्द ही पात्र लोगो को बीपीएल कार्ड बनाए जाएं, ताकि गरीबों को जल्द से जल्द आशियाना के तहत मकान आवंटित किए जा सकें.

बता दें कि सरकार ने नगर निगम शिमला के लिए बीपीएल परिवारों का कोटा तीन हजार टन किया गया है . लेकिन शहर में 14 सालों से शहर में बीपीएल परिवार का सर्वे नहीं हो पाया है. जिसके चलते नए परिवार बीपीएल का फायदा लेने से वंचित हैं.

शिमला शहर में 2006 के बाद बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए सर्वे नहीं किया गया है. वहीं, अब नगर निगम दोबारा से सर्वे करवाने जा रहा है.

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