शिमला: भारतीय जनता पार्टी में टिकट आवंटन के बाद उठा तुफान अभी थमा नहीं है. कई जगह पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है. नामांकन पत्र वापस लेने का आज अंतिम दिन है. ऐसे में इन बागियों को मानने की भी पार्टी ने कवायद तेज कर दी है. खुद जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बागियों से संपर्क उनको मनाने में जुटे हैं. जेपी नड्डा बिलासपुर में पहले डटे और फिर शिमला भी आए. वे पार्टी में डैमेज कंट्रोल करने की कवायद में लगातार जुटे रहे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी बागियों को मनाने में खुद जुटे हैं. कुछ जगह मुख्यमंत्री डैमैज कंट्रोल करने में कामयाब भी रहे हैं. इसके बावजूद हिमाचल में अभी भी 14 सीटों पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बागियों को मनाने की कवायद जारी है, ऐसे में अब 29 अक्टूबर को देखना होगा कि कितने बागी पार्टी प्रत्याशियों का समर्थन करते हैं. (Ticket distribution in Bharatiya Janata Party) (Himachal Assembly Elections 2022)
मंडी जिले में मंडी सदर, करसोग, सुंदरनगर में बागी: मंडी सदर में पार्टी से भाजपा के युवा नेता प्रवीण शर्मा ने बगावत कर नामांकन कर रखा है. भाजपा ने यहां से अनिल शर्मा को टिकट दिया है, जिसका वह विरोध कर रहे हैं. हालांकि पार्टी नेताओं और मुख्यमंत्री ने उनको मनाने की कोशिश की है, लेकिन फिलहाल प्रवीण नहीं मान रहे हैं. (bjp rebels leaders in himachal)
करसोग में भाजपा ने विधायक हीरालाल का टिकट काटकर दीपराज को टिकट दिया गया है, इसका पहले हीरालाल के समर्थकों ने भारी विरोध किया, हालांकि हीरालाल तो अब मान गए. मगर यहां भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सचिव युवराज कपूर ने भी चुनावी ताल ठोकी है. सीएम जयराम ठाकुर ने युवराज को मनाने की कोशिश की, अब देखना है कि क्या युवराज मानते हैं. सुंदरनगर से भाजपा के पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे ने निर्दलीय नामांकन कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रखी है. (cm jairam meeting with bjp rebels leaders)
सोलन के नालागढ़ में केएल ठाकुर कर रहे विरोध: सोलन के नालागढ़ में कांग्रेस से आए लखविंदर राणा को टिकट देने का यहां कई नेता विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं यहां से भाजपा के पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने लखविंदर राणा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी दाखिल किया है. इससे बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है.
जेपी नड्डा के गृह क्षेत्र में ही बगावत: बिलासपुर सदर में मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काटे जाने और वहां से पार्टी महासचिव त्रिलोक जमवाल को टिकट देने का भी विरोध हो रहा है. भाजपा के ही नेता सुभाष शर्मा ने नामांकन पत्र भी दाखिल कर रखा है. वहां पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सुभाष शर्मा को मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल इसमें कामयाबी नहीं मिली है. इसी तरह बिलासपुर के झंडूता क्षेत्र का 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के पूर्व मंत्री दिवंगत रिखी राम कौंडल के बेटे राज कुमार कौंडल ने भी पर्चा भर रखा है. (JP Nadda meeting with bjp rebels leaders)
कांगड़ा जिले में में भी बागियों से बेजीपी मुश्किल में: कांगड़ा जिले के देहरा में भाजपा में शामिल होशियार सिंह ने भी निर्दलीय नामांकन कर रखा है. होशियार सिंह का पहले दूसरे नेता विरोध कर रहे थे. लेकिन अब ज्वालामुखी से चुनाव लड़ते आए रमेश ध्वाला को देहरा से टिकट देने पर होशियार सिंह बगावत कर रहे हैं.
इसी तरह नूरपूर के विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया को फतेहपुर भेजने का भी भारी विरोध हो रहा है. पूर्व सांसद कृपाल परमार ने वहां से नामांकन कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इंदौरा में विधायक रीता धीमान को फिर से टिकट दिया गया है. पूर्व विधायक मनोहर धीमान उनका विरोध कर रहे हैं. मनोहर धीमान को मनाने को कोशिश की जा रही है.
कुल्लू जिले में भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे बागी: आनी से विधायक किशोरी लाल का टिकट काटने को लेकर भी बगावत हो गई है. किशोरी लाल ने यहां से बाकायदा चुनाव लड़ने के नामांकन पत्र दाखिल किया है. पार्टी नेताओं द्वारा उनको मनाने की कोशिश जारी है. लेकिन अगर किशोरी लाल नहीं मानते तो यहां पार्टी प्रत्य़ाशी लोकेंद्र कुमार की जीत के रास्ते में वह रोड़ा बन सकते हैं.
कुल्लू की सदर सीट पर भाजपा में जंग छिड़ी हुई है. पहले यहां से महेश्वर सिंह को टिकट देने की घोषणा हुई. मगर बंजार में बेटे की बगावत के बाद उनका टिकट काट दिया गया और नरोतम ठाकुर को थमा दिया. महेश्वर सिंह इससे नाराज को हो गए थे और निर्दलीय नामांकन कर दिया. हालांकि जेपी नड्डा के शिमला बुलाए जाने के बाद महेश्वर सिंह मान गए, मगर यहां पर पार्टी उपाध्यक्ष रामसिंह ने भी नामांकन भर कर पार्टी के लिए परेशानी पैदा कर रखी है.
कुल्लू जिले के एक अन्य सीट बंजार में भाजपा के अंदर घमासान मचा हुआ है. बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. पार्टी ने यहां फिर से विधायक सुरेंद्र शौरी को टिकट दिया है. इससे हितेश्वर सिंह भी बगावत पर उतर आए हैं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पिता महेश्वर सिंह कह चुके हैं कि वे अपने बेटे को नहीं मना पा रहे, बेटे पर उनका कोई बस नहीं. राजपरिवार से आने के कारण हितेश्वर ठाकुर यहां भाजपा के उम्मीदवार सुरेंद्र शौऱी के लिए खासी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. वहीं, मनाली विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक एंव मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर का भी विरोध हो रहा है. यहां से भाजपा नेता एडवोकेट महेंद्र ठाकुर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
चंबा सदर में बगावत से भाजपा की परेशानी बढ़ी: चंबा में इंदिरा कपूर समर्थकों में टिकट काटे जाने से नाराजगी है. भाजपा ने पहले इंदिरा कपूर को टिकट देने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उनका टिकट बदल कर भाजपा विधायक पवन नैयर की पत्नी नीलम नैयर को दिया गया है.
शिमला जिले के ठियोग में इंदु वर्मा बागी: ठियोग से पूर्व विधायक स्व राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा ने निर्दलीय नामांकन कर बेजीपी की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. इंदु वर्मा हालांकि हाल में कांग्रेस में चलीं गई थीं, लेकिन टिकट न मिलने से उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. फिर दिल्ली गईं और वहां भाजपा के टिकट मांगां. जो उनको नहीं मिला. इंदु वर्मा की पृष्ठभूमि भाजपा की रही है. और ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी अजय श्याम की परेशानी बढ़ा रही हैं.
रामपुर में भाजपा ने अबकी बार युवा चेहरा कौल नेगी को चुनावी मैदान में उतारा है. रामपुर में भाजपा के नेता कौल नेगी को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और उनका विरोध कर रहे हैं. यहां से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी प्रेम सिंह धरैक को पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ कार्य करने के लिए भाजपा से छह साल के लिए निकाल दिया गया है. इसी तरह किन्नौर में सूरत नेगी को भाजपा का टिकट देने को लेकर पूर्व विधायक तेजवंत नेगी ने विद्रोह कर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है.
इन जगह पर बागियों को मना पाई भाजपा: धर्मपुर से महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को टिकट दिया गया है. यहां पर उनकी बेटी वंदना गुलेरिया ने बगावत कर दी थी और पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया था, मगर पिता महेंद्र सिंह ठाकुर के मनाने के बाद अब वंदना गुलेरिया मान गई है और अपने भाई के लिए प्रचार भी कर रही हैं.
सरकाघाट में मुख्यमंत्री जयराम ने डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब रहे हैं. यहां से विधायक कर्नल इंद्र सिंह का टिकट काटकर दलीप ठाकुर को दिया गया है. इंद्र सिंह के अलावा यहां से समाजसेवी चंद्र कुमार भी टिकट दावेदारों में से एक थे। टिकट न मिलने से चंद्र इंद्र की जोड़ी से बगावत कर दी थी लेकिन मुख्यमंत्री ने डैमेज कंट्रोल किया और इन्होंने नामांकन नहीं भरा. भरमौर से भाजपा ने विधायक जियालाल का टिकट काट कर न्यूरोसर्जन डा. जनकराज को दिया है. जियालाल टिकट कटने के नाराज चल रहे थे. लेकिन अब पार्टी ने उनको मना लिया है.
ज्वाली सीट से पार्टी ने मौजूदा विधायक अर्जुन सिंह का टिकट काटकर संजय गुलेरिया को टिकट दिया है. हालांकि इससे अर्जुन सिंह के गुट ने बगावत कर दी थी. मगर पार्टी हाईकमान के मनाए जाने के बाद अर्जुन सिंह ने अपना विरोधी रूख बदल दिया है. जो कि पार्टी के लिए राहत की बात है. वहीं, कांग्रेस को भी कई जगहों पर बागियों के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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