शिमला: उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने केंद्र सरकार से कांगड़ा जिला को शहरी गैस वितरण परियोजना में शामिल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह जिले इस परियोजना के अंतर्गत शामिल किए गए हैं, जबकि शेष छह जिलों को शामिल किया जाना अभी बाकी है.
उद्योग मंत्री ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा प्राकृतिक गैस क्षेत्र में उभरते अवसरों पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते हुए यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला का डमटाल तेजी से उभरता औद्योगिक क्षेत्र है, जिसे शहरी गैस वितरण परियोजना से जोड़ा जाना चाहिए.
![Bikram singh on urban gas distribution project](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5817556_727_5817556_1579795989591.png)
उन्होंने प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों जैसे बद्दी, नालागढ़ और काला अम्ब को भी प्राथमिकता के आधार पर इस परियोजना के अंतर्गत शामिल करने का आग्रह किया. बिक्रम सिंह ने कहा कि गैस का उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों में कचरे के निपटान में भी किया जा सकता है.
उन्होंने प्रदेश के तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों- धर्मशाला, मनाली और शिमला में अपशिष्ट सामग्री से गैस तैयार करने के लिए विशेष नीति बनाने पर बल दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों जैसे ऊना, कांगड़ा, मंडी और पांवटा साहिब में बसों में सीएनजी का उपयोग किया जा सकता है और राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए इच्छुक है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक केवल 20 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए गए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य में सीएनजी को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता प्रदान करें, क्योंकि सीएनजी पर्यावरण मित्र है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राज्य में इलेक्ट्रिक बसें भी चलाई जा रही हैं और राज्य सरकार बायो गैस को प्रोत्साहित करने पर भी विचार कर रही है.
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