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ATM अपडेट करने के नाम पर बुजुर्ग से 10 लाख की ठगी, आपको फ्रॉड से बचाएंगी ये बातें - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का वरिष्ठ अधिकारी

साइबर ठग आपको ठगने के लिए नए-नए पैंतरे अपनाते हैं. ठग हमेशा घात लगाए रहते हैं कि कब आप लापरवाह बनें और वो आपकी मेहनत की कमाई पर हाथ फेर दें. हमेशा याद रखें कि कोई भी बैंक अपने उपभोक्ताओं को फोन पर ना तो खाते से जुड़ी कोई जानकारी साझा करता है और ना ही खाते से जुड़े किसी प्रकार के दस्तावेज मांगता है, इसीलिए बैंक उपभोक्ताओं को साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान लेना बेहद जरूरी है.

cyber crime in himachal
शिमला में बुजुर्ग से साइबर फ्रॉड
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Published : May 11, 2021, 10:53 PM IST

शिमला: आधुनिकता के इस दौर में जब सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है, तो ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. डिजिटल होते दौर में साइबर ठगी के जरिए रोजाना सैकड़ों लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया जाता है. हिमाचल में भी साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए हर रोज ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. ऐसा ही एक तरीके को ठगों ने अपना नया हथियार बनाया है. ठग एटीएम अपडेट करने के नाम पर भोले भाले लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला में सामने आया है.

क्या था पूरा मामला?

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शातिरों ने बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है. न्यू शिमला के रहने वाले 81 वर्षीय डॉ. सुशील सागर के एसबीआई अकाउंट से शातिरों ने 9 लाख 75 हजार 988 रुपए और यस बैंक के अकाउंट से 69 हजार 990 रुपए उड़ा लिए. न्यू शिमला के रहने वाले डॉ. सुशील सागर ने न्यू शिमला थाना में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में पीड़ित ने बताया है कि वे 30 अप्रैल को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की खलीनी ब्रांच में अपना एटीएम कार्ड अपडेट कराने गए थे. इसके बाद 6 मई को उन्हें दोपहर 2 बजे उन्हें एक फोन आया. इस फोन में व्यक्ति ने खुद को ब्रांच मैनेजर संदीप गुप्ता बताया. इसके बाद डॉ. सुशील सागर को एक और फोन आया. फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का वरिष्ठ अधिकारी उज्ज्वल बताया.

cyber crime in himachal
क्या है पूरा मामला?

एटीएम अपडेशन के नाम पर ठगी

फोन पर बात कर रहे शातिर ने एटीएम अपडेट करने के नाम पर सुशील सागर से उनकी निजी जानकारी मांगी और उन्हें डेबिट कार्ड नंबर और मोबाइल पर आए ओटीपी साझा करने को कहा. शातिरों के चंगुल में फंसे डॉ. सुशील सागर को ठगी का एहसास तब हुआ, जब उनके दोनों अकाउंट से करीब 10 लाख की धनराशि गायब हो गई. इसके बाद सुशील सागर ने 7 मई को इसकी शिकायत थाने में दर्ज करवाई. न्यू शिमला थाना पुलिस ने शिकायत पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ठगी के इस मामले की जांच की जा रही है.

क्या कहते हैं एएसपी प्रवीर ठाकुर?

81 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हुई ठगी के बारे में शिमला के एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. थाना न्यू शिमला में इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि अपनी बैंक संबंधी जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें. जब तक आप अपनी जानकारी शेयर नहीं करेंगे, तब तक आप के साथ इस तरह की कोई ठगी नहीं हो सकती. जब इस तरह अपनी निजी जानकारी ठगों के साथ साझा की जाती है, तो ऐसी स्थिति में ठग आसानी से बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर लेते हैं.

एएसपी प्रवीर ठाकुर लोगों से अपील

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने कहा कि लोगों से अपील की है कि वे अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें. उन्होंने कहा कि बैंक कभी-भी जानकारी लेने के लिए ग्राहक को फोन नहीं करता इसलिए ऐसी जानकारी देना सही नहीं है. यदि इस तरह का फोन बैंक की ओर से आए, तो ग्राहक को या तो खुद बैंक में जाकर जानकारी देनी चाहिए या फिर उनके दफ्तर में फोन कर इस बारे में पूछना चाहिए.

वीडियो.

सिर्फ लोन की किश्त के लिए SMS करता है बैंक

ईटीवी भारत ने फर्जी बैंक कॉल के जरिए होने वाली ठगी के बारे में एएसपी प्रवीर ठाकुर से बात की. उन्होंने बताया कि बैंक कभी भी फोन पर खाताधारक से गुप्त जानकारी साझा नहीं करता है और ना ही बैंक से जुडी कोई जानकारी मांगी जाती है.

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कैसे होती है फर्जी बैंक कॉल के जरिए ठगी ?

उन्होंने बताया कि सिर्फ खाताधारक को उसके लोन की किश्त की जानकारी फोन के जरिए दी जाती है. ये जानकारी भी एसएमएस के जरिए ही दी जाती है. इसके अलावा किसी भी प्रकार की कोई जानकारी ना तो खाताधारक को फोन के जरिए दी जाती है और ना ही उससे ली जाती है.

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फर्जी बैंक कॉल से होने वाली ठगी से ऐसे बचें

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना का कहर! जानिए इस 'जंग' से लड़ने के लिए सरकार की क्या है तैयारी

ये भी पढ़ें: डिजिटल कार्ड का आया दौर! प्रिंटिंग प्रेस बिजनेस पर संकट, कारोबारियों को सरकार से आस

शिमला: आधुनिकता के इस दौर में जब सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है, तो ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. डिजिटल होते दौर में साइबर ठगी के जरिए रोजाना सैकड़ों लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया जाता है. हिमाचल में भी साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए हर रोज ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. ऐसा ही एक तरीके को ठगों ने अपना नया हथियार बनाया है. ठग एटीएम अपडेट करने के नाम पर भोले भाले लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला में सामने आया है.

क्या था पूरा मामला?

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शातिरों ने बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है. न्यू शिमला के रहने वाले 81 वर्षीय डॉ. सुशील सागर के एसबीआई अकाउंट से शातिरों ने 9 लाख 75 हजार 988 रुपए और यस बैंक के अकाउंट से 69 हजार 990 रुपए उड़ा लिए. न्यू शिमला के रहने वाले डॉ. सुशील सागर ने न्यू शिमला थाना में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में पीड़ित ने बताया है कि वे 30 अप्रैल को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की खलीनी ब्रांच में अपना एटीएम कार्ड अपडेट कराने गए थे. इसके बाद 6 मई को उन्हें दोपहर 2 बजे उन्हें एक फोन आया. इस फोन में व्यक्ति ने खुद को ब्रांच मैनेजर संदीप गुप्ता बताया. इसके बाद डॉ. सुशील सागर को एक और फोन आया. फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का वरिष्ठ अधिकारी उज्ज्वल बताया.

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क्या है पूरा मामला?

एटीएम अपडेशन के नाम पर ठगी

फोन पर बात कर रहे शातिर ने एटीएम अपडेट करने के नाम पर सुशील सागर से उनकी निजी जानकारी मांगी और उन्हें डेबिट कार्ड नंबर और मोबाइल पर आए ओटीपी साझा करने को कहा. शातिरों के चंगुल में फंसे डॉ. सुशील सागर को ठगी का एहसास तब हुआ, जब उनके दोनों अकाउंट से करीब 10 लाख की धनराशि गायब हो गई. इसके बाद सुशील सागर ने 7 मई को इसकी शिकायत थाने में दर्ज करवाई. न्यू शिमला थाना पुलिस ने शिकायत पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ठगी के इस मामले की जांच की जा रही है.

क्या कहते हैं एएसपी प्रवीर ठाकुर?

81 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हुई ठगी के बारे में शिमला के एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. थाना न्यू शिमला में इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि अपनी बैंक संबंधी जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें. जब तक आप अपनी जानकारी शेयर नहीं करेंगे, तब तक आप के साथ इस तरह की कोई ठगी नहीं हो सकती. जब इस तरह अपनी निजी जानकारी ठगों के साथ साझा की जाती है, तो ऐसी स्थिति में ठग आसानी से बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर लेते हैं.

एएसपी प्रवीर ठाकुर लोगों से अपील

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने कहा कि लोगों से अपील की है कि वे अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें. उन्होंने कहा कि बैंक कभी-भी जानकारी लेने के लिए ग्राहक को फोन नहीं करता इसलिए ऐसी जानकारी देना सही नहीं है. यदि इस तरह का फोन बैंक की ओर से आए, तो ग्राहक को या तो खुद बैंक में जाकर जानकारी देनी चाहिए या फिर उनके दफ्तर में फोन कर इस बारे में पूछना चाहिए.

वीडियो.

सिर्फ लोन की किश्त के लिए SMS करता है बैंक

ईटीवी भारत ने फर्जी बैंक कॉल के जरिए होने वाली ठगी के बारे में एएसपी प्रवीर ठाकुर से बात की. उन्होंने बताया कि बैंक कभी भी फोन पर खाताधारक से गुप्त जानकारी साझा नहीं करता है और ना ही बैंक से जुडी कोई जानकारी मांगी जाती है.

cyber crime in himachal
कैसे होती है फर्जी बैंक कॉल के जरिए ठगी ?

उन्होंने बताया कि सिर्फ खाताधारक को उसके लोन की किश्त की जानकारी फोन के जरिए दी जाती है. ये जानकारी भी एसएमएस के जरिए ही दी जाती है. इसके अलावा किसी भी प्रकार की कोई जानकारी ना तो खाताधारक को फोन के जरिए दी जाती है और ना ही उससे ली जाती है.

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फर्जी बैंक कॉल से होने वाली ठगी से ऐसे बचें

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