शिमला: भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) और केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी लेने को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कसरत शुरू कर दी है. इसके लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की पहली बैठक राज्य सचिवालय में हुई है. इस बैठक में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत हुए समझौतों का अध्ययन किया गया. कमेटी के अध्यक्ष कृषि मंत्री चंद्र कुमार सदस्य उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और जगत सिंह नेगी बैठक में मौजूद रहे.
बैठक में बीबीएमबी में हिस्सेदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस को लेकर फीडबैक लिया गया, इसमें अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखने को कहा गया. यह केस फाइनल स्टेज पर है और इस मामले की 26 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. कमेटी के अध्यक्ष चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल बीबीएमबी में अपनी हिस्सेदारी की लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा है.
चंद्र कुमार ने कहा कि बीबीएमबी में हिमाचल का 7.19 फीसदी हिस्सा है, जिसकी देनदारी को हिमाचल कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस केस को लेकर 26 जुलाई को सुनवाई होनी है, जिस पर फीडबैक बैठक में लिया गया और अधिकिरियों को अपना पक्ष मजबूती से रखने को कहा गया. उन्होंने कहा कि पंजाब पुनर्गठन 1966 के समय जो कमीशन गठित किया गया था. उसने तब जनसंख्या के हिसाब से हिमाचल की बीबीएमबी के साथ ही चंडीगढ़ में भी हिस्सेदारी 7.19 प्रतिशत तय की गई थी, लेकिन अभी तक हिमाचल को इसका हक नहीं मिला है. इसकी लड़ाई हिमाचल सुप्रीम कोर्ट में है. इसको लेकर हिमाचल 26 जुलाई को अपना पक्ष रखेगा.
भगवंत मान को पुनर्गठन अधिनियम की स्टडी करने की नसीहत दी: चंद्र कुमार ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने भगवंत मान को पंजाब पूर्ण पुनर्गठन अधिनियम 1966 का अध्ययन करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि हिमाचल अपना हक मांग रहा है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान को पहले पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 का पूरी तरह से अध्ययन करना चाहिए और उसके बाद ही उनको बयानबाजी करनी चाहिए.
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