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लापरवाही से गई 46 लोगों की जान! बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य - undefined

बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट आने के बाद आरटीओ कुल्लू और एमवीआई पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. सरकार ने भी इन अधिकारियों से पूछा है कि कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस को कैसे पास किया गया. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों से बस के रूट पर भी जवाब मांगा जा सकता है.

Banjar bus accident investigation report
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Published : Jul 2, 2019, 12:00 PM IST

Updated : Jul 2, 2019, 12:24 PM IST

शिमलाः 46 लोगों की जान लेने वाले बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. रिपोर्ट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है. रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने आरटीआई कुल्लू और एमवीआई से बस की कंडीशन पर जवाब तलब किया है. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों से बस के रूट पर भी जवाब मांगा जा सकता है.

भारी मुनाफे के लालच में कंपनी कई दिनों से दो रूट पर बसें नहीं चला रही थी, ऐसे में सवारियां तीसरी बस में सफर करने को मजबूर थी. परिवहन निगम के अधिकारियों ने क्यों कंपनी पर समय रहते कार्रवाई नहीं की. ये एक बड़ा सवाल खड़ा होता है.

परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि बस मालिक के खिलाफ उसी समय एफआईआर दर्ज की गई है और उसके सभी परमिट रद्द भी किए जाएंगे. परिवहन मंत्री ने कहा कि बंजार बस हादसे वाली बस के आधे घंटे बाद एक एचआरटीसी बस भी उस रुट पर थी.

गोविंद ठाकुर, परिवहन मंत्री

परिवहन मंत्री ने माना कि प्राइवेट बस वाले कम किराए का लालच देकर सवारियों को बिठाते हैं और कभी-कबार किराया भी नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि हमने आरटीओ से भी इस बारे में जवाब तलब किया है कि कैसे खराब बस को पास किया गया.

रिपोर्ट आने के बाद आरटीओ कुल्लू और एमवीआई पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. सरकार ने भी इन अधिकारियों से पूछा है कि कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस को कैसे पास किया गया. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं कि कैसे एक ही कंपनी को तीन रूट दिए गए.

जानकारी के अनुसार बस पहले से ही खराब थी, टेक्निकल फॉल्ट के कारण पहले ऑट टनल के समीप पुल के पास बस रूकी, उसके बाद लारजी के समीप भी सब काफी समय तक खराब होने कारण रूकी रही. रिपोर्ट के अनुसार भयोट मोड के पास बस जब चढ़ाई की तरफ जा रही थी तो बस में 44 लोगों के स्थान पर 87 लोग सवार थे.

बस का इंजन कमजोर होने कारण ओवलोड बस को नहीं खींच पाया और बस खुद ही करीब 7 मीटर पीछे हटती गई. दुर्घटनाग्रस्त बस की जब जांच की गई तो बस पहले गियर में ही थी. ऐसे में सवाल उठता है कि बस का इंजन कमजोर होने के बावजूद भी बस कैसे पास हो गई.

बताया जा रहा है कि उसी कंपनी के पास 2 रूट और भी थे. एक रूट डेढ़ बजे और दूसरा रूट ढाई बजे था. दोनों रूट पर ही काफी दिनों से बस नहीं चलाई जा रही थी. ऐसे में दोनों बसों की सवारियां भी इसी तीसरी बस में सफर कर रही थी.

इस मामले पर भी परिवहन विभाग की जिम्मेदारी तय की जा रही है. अगर ये दोनों बसें चलती तो इस बस में इतनी ओवरलोडिंग नहीं होती. इसके अलावा रोड़ इंजीनियरिंग में कमी के कारण भी मोड़ तीखा था. सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया था.

पढ़ेंः कुल्लू बस हादसे पर PM मोदी और राहुल गांधी ने जताई संवेदना, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना

शिमलाः 46 लोगों की जान लेने वाले बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. रिपोर्ट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है. रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने आरटीआई कुल्लू और एमवीआई से बस की कंडीशन पर जवाब तलब किया है. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों से बस के रूट पर भी जवाब मांगा जा सकता है.

भारी मुनाफे के लालच में कंपनी कई दिनों से दो रूट पर बसें नहीं चला रही थी, ऐसे में सवारियां तीसरी बस में सफर करने को मजबूर थी. परिवहन निगम के अधिकारियों ने क्यों कंपनी पर समय रहते कार्रवाई नहीं की. ये एक बड़ा सवाल खड़ा होता है.

परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि बस मालिक के खिलाफ उसी समय एफआईआर दर्ज की गई है और उसके सभी परमिट रद्द भी किए जाएंगे. परिवहन मंत्री ने कहा कि बंजार बस हादसे वाली बस के आधे घंटे बाद एक एचआरटीसी बस भी उस रुट पर थी.

गोविंद ठाकुर, परिवहन मंत्री

परिवहन मंत्री ने माना कि प्राइवेट बस वाले कम किराए का लालच देकर सवारियों को बिठाते हैं और कभी-कबार किराया भी नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि हमने आरटीओ से भी इस बारे में जवाब तलब किया है कि कैसे खराब बस को पास किया गया.

रिपोर्ट आने के बाद आरटीओ कुल्लू और एमवीआई पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. सरकार ने भी इन अधिकारियों से पूछा है कि कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस को कैसे पास किया गया. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं कि कैसे एक ही कंपनी को तीन रूट दिए गए.

जानकारी के अनुसार बस पहले से ही खराब थी, टेक्निकल फॉल्ट के कारण पहले ऑट टनल के समीप पुल के पास बस रूकी, उसके बाद लारजी के समीप भी सब काफी समय तक खराब होने कारण रूकी रही. रिपोर्ट के अनुसार भयोट मोड के पास बस जब चढ़ाई की तरफ जा रही थी तो बस में 44 लोगों के स्थान पर 87 लोग सवार थे.

बस का इंजन कमजोर होने कारण ओवलोड बस को नहीं खींच पाया और बस खुद ही करीब 7 मीटर पीछे हटती गई. दुर्घटनाग्रस्त बस की जब जांच की गई तो बस पहले गियर में ही थी. ऐसे में सवाल उठता है कि बस का इंजन कमजोर होने के बावजूद भी बस कैसे पास हो गई.

बताया जा रहा है कि उसी कंपनी के पास 2 रूट और भी थे. एक रूट डेढ़ बजे और दूसरा रूट ढाई बजे था. दोनों रूट पर ही काफी दिनों से बस नहीं चलाई जा रही थी. ऐसे में दोनों बसों की सवारियां भी इसी तीसरी बस में सफर कर रही थी.

इस मामले पर भी परिवहन विभाग की जिम्मेदारी तय की जा रही है. अगर ये दोनों बसें चलती तो इस बस में इतनी ओवरलोडिंग नहीं होती. इसके अलावा रोड़ इंजीनियरिंग में कमी के कारण भी मोड़ तीखा था. सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया था.

पढ़ेंः कुल्लू बस हादसे पर PM मोदी और राहुल गांधी ने जताई संवेदना, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना

Intro:शिमला. 46 लोगों की जान लेने वाले बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. रिपोर्ट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है. रिपोर्ट के बाद सरकार ने आरटीआई कुल्लू और एमबीआई से बस की कंडीशन पर जवाब तलब किया है. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों से बस के रूप जवाब मांगा जा सकता है.

Body:प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही बंजार हादसे की बस रिपोर्ट.

कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस कैसे पास हुई.

कैसे एक कंपनी को लगातार तीन रूट दे दिए गए.

भारी मुनाफे के लालच में कंपनी कई दिनों से दो रूट पर बसें नहीं चला रही थी ऐसे में सवारियां तीसरी बस में सफर करने को मजबूर थी. परिवहन निगम के अधिकारियों क्यों कंपनी पर समय रहते कार्रवाई नहीं की.

दुर्घटना स्थान पर सड़क इंजीनियरिंग पर भी उठे सवाल, नहीं किया गया था सुरक्षा मानकों का पालन.



दुर्घटना के बाद अब तक जयराम सरकार की कार्रवाई

आरटीओ कुल्लू और एमबीआई से कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस को पास करने पर मांगा जवाब.

एक कंपनी को एक सड़क के इक्ट्ठे तीन रूट कैसे दिए इसकी भी होगी जांच.

कई दिनों से कंपनी पहले दो रूटों पर बस नहीं चला रही थी ऐसे में रोज तीसरी बस में ओवरलोडिंग होती थी परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने क्यों चैक नहीं किया.

बस मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज.

रुट परमिट कैंसल कर दिया गया है.





रिपोर्ट आने के बाद आरटीओ कुल्लू और एमबीआई पर गाज गिरना तय माना जा रहा है सरकार ने भी इन अधिकारियों से पूछा है कि कमजोर इंजन और तकनीकी रूप से खराब बस को कैसे पास किया गया. इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं कैसे एक ही कंपनी को तीनों रूट दिए गए है

बस पहले से ही खराब थी टैक्निकल फॉल्ट के कारण पहले ऑट टनल के समीप पुल के पास बस रूकी उसके बाद लारजी के समीप भी सब काफी समय तक खराब होने कारण रूकी रही. रिपोर्ट के अनुसार भयोट मोड के पास बस जब चढ़ाई की तरफ जा रही थी तो बस में 44 लोगों के स्थान पर 87 लोग सवाल थे बस का इंजन कमजोर होने कारण ओवलोड बस को नहीं खींच पाया और बस खुद ही करीब 7 मीटर पीछे हटती गई. दुर्घटनाग्रस्त बस की जब जांच की गई तो बस पहले गेयर में ही थी. ऐसे में सवाल उठता है कि बस का इंजन कमजोर होने के बावजूद भी बस कैसे पास हो गई.

Conclusion:उसी कंपनी के पास 2 रूट और भी थे एक रूट डेढ बजे और दूसरा रूट अढ़ाई बजे था दोनों रूट पर ही काफी दिनों से बस नहीं चलाई जा रही थी ऐसे में दोनों बसों की सवारियां भी इसी तीसरी बस में सफर कर रही थी. इस मामले पर भी परिवहन विभाग की जिम्मेदारी तय की जा रही है. अगर ये दोनों बसें चलती तो इस बस में इतनी ओवर लोडिंग नहीं होती. इसके अलावा रोड इंजीनियरिंग में कमी के कारण भी मोड तीखा था. बीच को स्थान खाली था. सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया था.
Last Updated : Jul 2, 2019, 12:24 PM IST

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