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हिमाचल प्रदेश: स्कूल-कॉलेजों में फेयरवेल, लंच और रिटायरमेंट पार्टियों पर लगी रोक, आदेश जारी

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Published : Nov 14, 2020, 12:48 PM IST

प्रदेश में शिक्षण संस्थान खुलने के बाद संस्थानों में कोरोना पॉजिटिव के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई हैं. ऐसे में बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से संज्ञान लिया गया है. इसके लिए सभी जिला अधिकारियों और प्रिंसिपलों को आदेश जारी किए गए है. ऐसे सभी तरह के आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.

Ban on parties in educational institutions of himachal pradesh
शिक्षण संस्थान

शिमला: प्रदेश में शिक्षण संस्थान खुलने के बाद संस्थानों में कोरोना पॉजिटिव के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई हैं. स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों के साथ ही स्टाफ कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. कुछ स्कूलों में पूरा स्टाफ ही कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है. ऐसे में बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से संज्ञान लिया गया है.

शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों में आयोजित की जाने वाली सभी तरह की पार्टियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में फेयरवेल, रिटायरमेंट पार्टी और लंच पार्टियों पर पूरी तरह से लगा दी है. इसके लिए सभी जिला अधिकारियों और प्रिंसिपलों को आदेश जारी किए गए है. ऐसे सभी तरह के आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने निर्देशों में कहा कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह की पार्टियों का आयोजन होने से कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में आपसी गेदरिंग भी बढ़ रही है. इससे शिक्षण संस्थानों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इन मामलों को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए.

विभाग को जानकारी मिली है कि स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से कोरोना संक्रमण का फैलता जा रहा है और एसओपी के नियमों की अनदेखी हो रही है. इस कारण विभाग को कुछ स्कूल बंद भी करने पड़े और सरकार ने 25 नवंबर तक एक बार फिर शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में दोबारा शिक्षण संस्थान खुलने पर इस तरह की लापरवाही ना हो और कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी ना हो इसे देखते हुए विभाग की ओर से भी सख्ती दिखाई जा रही है.

शिमला: प्रदेश में शिक्षण संस्थान खुलने के बाद संस्थानों में कोरोना पॉजिटिव के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई हैं. स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों के साथ ही स्टाफ कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. कुछ स्कूलों में पूरा स्टाफ ही कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है. ऐसे में बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से संज्ञान लिया गया है.

शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों में आयोजित की जाने वाली सभी तरह की पार्टियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में फेयरवेल, रिटायरमेंट पार्टी और लंच पार्टियों पर पूरी तरह से लगा दी है. इसके लिए सभी जिला अधिकारियों और प्रिंसिपलों को आदेश जारी किए गए है. ऐसे सभी तरह के आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने निर्देशों में कहा कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह की पार्टियों का आयोजन होने से कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में आपसी गेदरिंग भी बढ़ रही है. इससे शिक्षण संस्थानों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इन मामलों को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए.

विभाग को जानकारी मिली है कि स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से कोरोना संक्रमण का फैलता जा रहा है और एसओपी के नियमों की अनदेखी हो रही है. इस कारण विभाग को कुछ स्कूल बंद भी करने पड़े और सरकार ने 25 नवंबर तक एक बार फिर शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में दोबारा शिक्षण संस्थान खुलने पर इस तरह की लापरवाही ना हो और कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी ना हो इसे देखते हुए विभाग की ओर से भी सख्ती दिखाई जा रही है.

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