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इस दिन तक नहीं पकड़ पाएंगे मछली, बेचने पर लगा पूर्ण प्रतिबंध

हर वर्ष जलाशयों में दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध एक नियमित प्रक्रिया है. इस अवधि के दौरान मछली की अधिकांश प्रजातियां प्रजनन प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर मछली बीज उत्पादन होता है.

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Published : May 31, 2019, 10:38 PM IST

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शिमलाः ग्रामीण विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश के सभी जलाशयों में प्रथम जून से 31 जुलाई, 2019 तक मछली पकड़ने तथा बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग विशेष शिविरों का आयोजन करेगा, जिसमें विभागीय कर्मचारियों को ऐसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तैनात किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत पौंग बांध में 16 शिविर, गोबिंद सागर बांध में 16, कोल डैम में 3 और चमेरा बांध तथा रणजीत सागर बांध में एक-एक शिविर पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि हर वर्ष जलाशयों में दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध एक नियमित प्रक्रिया है. इस अवधि के दौरान मछली की अधिकांश प्रजातियां प्रजनन प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर मछली बीज उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलाशयों से मत्स्य विभाग ‘मेजर कार्प’ और ‘सिल्वर कार्प’ के बीज एकत्र करेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध के दौरान प्रदेश के जलाशयों में काम करने वाले मछुआरों को ‘क्लोज सीजन रिलीफ फंड स्कीम’ के तहत 3 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे.

पढ़ेंः विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक की कार से जोरदार भिड़ंत, 1 ने मौके पर तोड़ा दम 2 घायल

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आम जनता और पर्यटकों को जागरूक करने के लिए राज्य और विभागीय वेबसाइट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की जानकारी उपलब्ध होगी. उन्होंने राज्य के सभी वर्गों से इस प्रतिबंध की सफलता के लिए अपना सहयोग देने की अपील की है.

ये भी पढ़ेंः प्रवासी मजदूरों की 18 झुग्गियां राख, करीब एक लाख का नुकसान

शिमलाः ग्रामीण विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश के सभी जलाशयों में प्रथम जून से 31 जुलाई, 2019 तक मछली पकड़ने तथा बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग विशेष शिविरों का आयोजन करेगा, जिसमें विभागीय कर्मचारियों को ऐसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तैनात किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत पौंग बांध में 16 शिविर, गोबिंद सागर बांध में 16, कोल डैम में 3 और चमेरा बांध तथा रणजीत सागर बांध में एक-एक शिविर पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि हर वर्ष जलाशयों में दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध एक नियमित प्रक्रिया है. इस अवधि के दौरान मछली की अधिकांश प्रजातियां प्रजनन प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर मछली बीज उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलाशयों से मत्स्य विभाग ‘मेजर कार्प’ और ‘सिल्वर कार्प’ के बीज एकत्र करेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध के दौरान प्रदेश के जलाशयों में काम करने वाले मछुआरों को ‘क्लोज सीजन रिलीफ फंड स्कीम’ के तहत 3 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे.

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वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आम जनता और पर्यटकों को जागरूक करने के लिए राज्य और विभागीय वेबसाइट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की जानकारी उपलब्ध होगी. उन्होंने राज्य के सभी वर्गों से इस प्रतिबंध की सफलता के लिए अपना सहयोग देने की अपील की है.

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31 जुलाई तक मछली पकड़ने पर होगा पूर्ण प्रतिबंध : वीरेन्द्र कंवर

 मत्स्य विभाग मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के लिए शिविरों का आयोजन करेगा

 ग्रामीण विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज यहां कहा कि प्रदेश के सभी जलाशयों में प्रथम जून से 31 जुलाई, 2019 तक मछली पकड़ने तथा बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग विशेष शिविरों का आयोजन करेगा, जिसमें विभागीय कर्मचारियों को ऐसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तैनात किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत पौंग बांध में 16 शिविर, गोबिन्द सागर बांध में 16, कोल डैम में तीन और चमेरा बांध तथा रणजीत सागर बांध में एक-एक शिविर पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं

उन्होंने कहा कि हर वर्ष जलाशयों में दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध एक नियमित प्रक्रिया है। इस अवधि के दौरान मछली की अधिकांश प्रजातियां प्रजनन प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर मछली बीज उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलाशयों से मत्स्य विभाग ‘मेजर कार्प’ और ‘सिल्वर कार्प’ के बीज एकत्र करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध के दौरान प्रदेश के जलाशयों में काम करने वाले मछुआरों को ‘क्लोज सीज़न रिलीफ फंड स्कीम’ के तहत 3 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि आम जनता और पर्यटकों को जागरूक करने के लिए राज्य और विभागीय वेबसाइट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने राज्य के सभी वर्गों से इस प्रतिबंध की सफलता के लिए अपना सहयोग देने की अपील की है।
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