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'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' कहलाएंगे अनाथ बच्चे, गौ सदनों को मिलेगी वित्तीय मदद, बालिका आश्रम के बच्चों ने सीएम संग किया लंच

आज हिमाचल प्रदेश कैबनेट की मीटिंग राज्य सचिवालय में हुई. जिसमें फैसला लिया गया कि अनाथ बच्चे चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट कहलाएंगे. राज्य विधानसभा में इस संबंध में हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक-2023 पेश किया जाएगा. वहीं, आज बालिका आश्रम के बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए विधानसभा पहुंचे थे. इस दौरान सीएम ने खुद और कैबिनेट मंत्रियों के साथ इन बच्चों के संग लंच किया. (himachal pradesh cabinet meeting) (Himachal cabinet meeting decision)

himachal pradesh cabinet meeting
बालिका आश्रम के बच्चों के साथ लंच करते सीएम सुक्खू.
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Published : Apr 4, 2023, 9:50 PM IST

Updated : Apr 4, 2023, 10:02 PM IST

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश में बेसहारा बच्चों के लिए घोषित की गई सुख आश्रय योजना को लागू करने के लिए सुख आश्रय विधेयक विधानसभा में लाएगी. कैबिनेट ने आज इस विधेयक को लाने को मंजूरी दी. बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई, जिसमें कई अन्य फैसले भी लिए गए.

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक आज राज्य सचिवालय में हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में बजटीय घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के बारे में फैसले लिए गए. कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में सुख आश्रय योजना के तहत बेसहारा बच्चों की देखरेख, संरक्षण एवं आत्मनिर्भरता के लिए सुख आश्रय विधेयक लाने को मंजूरी दी. इस विधेयक को विधानसभा के बजट सत्र में पारित करवाकर सुख आश्रय योजना के सभी प्रावधानों को सरकार लागू करवाएगी.

राज्य सरकार ने बेसहारा बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट घोषित किया है, जिसके तहत निराश्रित को अब 27 साल तक आश्रमों में रह सकेंगे, यही नहीं सरकार इन बच्चों की जमा दो के बाद की पढ़ाई का भी पूरा खर्च उठाएगी. इसके अलावा इन बच्चों को मकान बनाने के लिए जमीन और धन भी सरकार उपलब्ध करवाएगी. इन सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए सरकार विधेयक ला रही है, जिसको मौजूदा विधानसभा के बजट सत्र में लाकर पारित किया जाएगा.

इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में एचआरटीसी के बस डिपो को खोलने की मंजूरी दी गई है.कैबिनेट ने वाटर सेस लगाने के नियमों को लेकर भी चर्चा की. इसमें छोटे प्रोजेक्टों को सेस में छूट देने पर विचार विमर्श किया गया. माना जा रहा है कि सरकार छोटे प्रोजेक्टों को सेस से छूट दे सकती है. इसके अलावा प्रदेश के गौ सदनों में रह रहे बेसहारा पशुओं के चारे आदि के लिए मंदिरों की आय का कुछ हिस्सा देने का भी फैसला लिया है. गोवंश आयोग के रजिस्टर्ड गौ सदनों को यह वित्तीय मदद मिलेगी. कैबिनेट बैठक में हिमाचल में कोविड-19 की स्थिति को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से दी गई. हालांकि इस बारे में फिलहाल किसी तरह की कोई बंदिशों का फैसला सरकार ने नहीं लिया.

विधानसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे बालिका आश्रम के बच्चों के साथ सीएम ने किया लंच: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निमंत्रण पर आज बालिका आश्रम के 69 बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचे. इन बच्चों ने पहली बार विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही देखी. विधानसभा कार्यवाही देखने पहुंचे ये बच्चे खुश व उत्साहित नजर आए. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ इन बच्चों के साथ लंच भी किया.

उल्लेखनीय है कि शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य सचिवालय जाने की बजाय सीधे बालिका आश्रम गए थे और वहां बच्चों से बातचीत की. इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए 'मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना' का ऐलान किया था, जिसके लिए 101 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दिया है, जबकि सभी कांग्रेस के विधायकों ने एक-एक लाख रुपये का अंशदान दिया है.

Read Also- कांगड़ा चाय को GI टैग देने पर यूरोपियन यूनियन का CPS आशीष बुटेल ने जताया आभार, बोले: चाय उत्पादकों को होगा फायदा

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश में बेसहारा बच्चों के लिए घोषित की गई सुख आश्रय योजना को लागू करने के लिए सुख आश्रय विधेयक विधानसभा में लाएगी. कैबिनेट ने आज इस विधेयक को लाने को मंजूरी दी. बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई, जिसमें कई अन्य फैसले भी लिए गए.

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक आज राज्य सचिवालय में हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में बजटीय घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के बारे में फैसले लिए गए. कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में सुख आश्रय योजना के तहत बेसहारा बच्चों की देखरेख, संरक्षण एवं आत्मनिर्भरता के लिए सुख आश्रय विधेयक लाने को मंजूरी दी. इस विधेयक को विधानसभा के बजट सत्र में पारित करवाकर सुख आश्रय योजना के सभी प्रावधानों को सरकार लागू करवाएगी.

राज्य सरकार ने बेसहारा बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट घोषित किया है, जिसके तहत निराश्रित को अब 27 साल तक आश्रमों में रह सकेंगे, यही नहीं सरकार इन बच्चों की जमा दो के बाद की पढ़ाई का भी पूरा खर्च उठाएगी. इसके अलावा इन बच्चों को मकान बनाने के लिए जमीन और धन भी सरकार उपलब्ध करवाएगी. इन सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए सरकार विधेयक ला रही है, जिसको मौजूदा विधानसभा के बजट सत्र में लाकर पारित किया जाएगा.

इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में एचआरटीसी के बस डिपो को खोलने की मंजूरी दी गई है.कैबिनेट ने वाटर सेस लगाने के नियमों को लेकर भी चर्चा की. इसमें छोटे प्रोजेक्टों को सेस में छूट देने पर विचार विमर्श किया गया. माना जा रहा है कि सरकार छोटे प्रोजेक्टों को सेस से छूट दे सकती है. इसके अलावा प्रदेश के गौ सदनों में रह रहे बेसहारा पशुओं के चारे आदि के लिए मंदिरों की आय का कुछ हिस्सा देने का भी फैसला लिया है. गोवंश आयोग के रजिस्टर्ड गौ सदनों को यह वित्तीय मदद मिलेगी. कैबिनेट बैठक में हिमाचल में कोविड-19 की स्थिति को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से दी गई. हालांकि इस बारे में फिलहाल किसी तरह की कोई बंदिशों का फैसला सरकार ने नहीं लिया.

विधानसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे बालिका आश्रम के बच्चों के साथ सीएम ने किया लंच: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निमंत्रण पर आज बालिका आश्रम के 69 बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचे. इन बच्चों ने पहली बार विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही देखी. विधानसभा कार्यवाही देखने पहुंचे ये बच्चे खुश व उत्साहित नजर आए. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ इन बच्चों के साथ लंच भी किया.

उल्लेखनीय है कि शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य सचिवालय जाने की बजाय सीधे बालिका आश्रम गए थे और वहां बच्चों से बातचीत की. इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए 'मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना' का ऐलान किया था, जिसके लिए 101 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दिया है, जबकि सभी कांग्रेस के विधायकों ने एक-एक लाख रुपये का अंशदान दिया है.

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Last Updated : Apr 4, 2023, 10:02 PM IST
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