शिमला: राखी का पवित्र पर्व भाई बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और अपने भाई के लिए सुख समृद्धि की कामना करती है. भाई भी राखी के पवित्र बंधन के बदले अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. हिमाचल प्रदेश में भी इस पवित्र पर्व की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं. प्रदेश के सभी बाजारों में रौनक लौट आई है. बहनें अपने भाई के लिए राखियां लेने मार्केट पहुंच रही हैं. वहीं, दुकानों में भी रंग-बिरंगी राखियां सजी हुई हैं.
रक्षाबंधन का त्योहार: वहीं, इस राखी के त्योहार पर राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर कई लोगों के बीच संशय बना हुआ है. इसे लेकर शिमला में शिव मंदिर के पुजारी पंडित वासुदेव ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी, लेकिन इसी के साथ भद्रा भी लग जाएगी. शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में भाई को राखी बांधना अशुभ माना जाता है. भद्रा का समापन 30 अगस्त को रात 9 बजकर 01 मिनट पर होगा.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: शुभ मुहूर्त शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल यानी दोपहर के समय भद्रा रहित काल में मनाना शुभ होता है. मगर इस साल 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहेगी. भद्रा में राखी बांधना अशुभ होता है. ऐसे में 30 अगस्त 2023 को रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है. इसके अलावा 31 अगस्त को भी सुबह 7 बजकर 7 मिनट से पहले भाई को राखी बांध सकते हैं.
बाजारों में रक्षाबंधन की रौनक: भाई बहन के अटूट प्रेम के त्योहार रक्षाबंधन के पास आते ही बाजार सजने शुरू हो गए हैं. वहीं, राजधानी शिमला के बाजारों में भी रक्षाबंधन को लेकर रौनक बढ़ गई है. महिलाएं एवं युवतियां अपने-अपने भाइयों की पसंद की राखी खरीदने दुकानों पर पहुंच रही हैं. हालांकि इस साल महंगाई का रंग रक्षाबंधन के त्योहार पर भी चढ़ता देखने को मिल रहा है. राखी के दाम में पिछले साल की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा आया है. लोअर बाजार में दुकानदार मनोज ने बताया कि बाजार में इस बार 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की राखियां उपलब्ध हैं, लेकिन बहनों को अपने भाईयों के लिए खासकर कम कीमत का ओम, स्वास्तिक, मोती, चंदन, महाकाल, मोटू-पतलू, ब्रेसलेट, स्टोन की राखियां अधिक भा रही हैं.
रक्षाबंधन का महत्व: शिमला में शिव मंदिर के पुजारी पंडित वासुदेव ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व को भाई-बहन के प्रेम और सद्भाव के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है. इसके बदले में भाई बहन को भेंट देता है एवं सदैव उसकी रक्षा करने का वचन भी देता है. अच्छे मुहूर्त यानी भद्रा रहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को अपने जीवन में हर काम में सफलता मिलती है.