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IPH में टेंडर को लेकर आशा कुमारी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा: अन्य क्षेत्रों से भेदभाव कर रही सरकार

कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने करने की मांग की.आशा कुमारी ने शगुन योजना पर भी सवाल उठाए हैं.

Asha Kumari targeted the government
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Published : Mar 9, 2021, 10:18 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग की. साथ ही जल जीवन मिशन के तहत टेंडर प्रक्रिया के लिये सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टेंडर को ब्रेकअप कर किसी विशेष को लाभ देने का प्रयास किया गया है. अधिकतर टेंडर सिराज और धर्मपुर में ही लगाए जा रहे हैं. जल मिशन में कुल टेंडर में से 47 फीसदी टेंडर जल शक्ति मंत्री व मुख्यमंत्री के क्षेत्र में लगाए गए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों के साथ ये सरकार भेदभाव रही है.

आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर सरकार को घेरा

आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार सत्ता से जाते वक्त 85 हजार करोड़ का कर्ज राज्य को छोड़कर जाएगी. उन्होंने कहा की जीडीपी गिर रही और देश के साथ-साथ हिमाचल में यह माइनस में जा रही है. यही नहीं प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है. मुख्यमंत्री ने टैक्स न लगाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री आश्वासन देंगे कि पूरे साल में कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार बजट पास होने के बाद पिछले दरवाजे से टैक्स लगाएगी. उन्होंने मांग की है कि सरकार बजट पास होने से पहले डीजल और पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को कम करने का प्रस्ताव सदन में लाए.

विडियो.

जयराम सरकार को बताया पुरुष विरोधी

आशा कुमारी ने बजट में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु को 65 वर्ष करने पर आशा कुमारी ने सवाल खड़े किए और कहा कि बेहतर होता कि यह सरकार पुरुषों को भी इसमें शामिल कर देती. इस आयु के बहुत कम लोग हैं. ऐसे में सभी को एक समान इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए था, लेकिन यह सरकार पुरुष विरोधी है और महिलाओं को ही इसमें शामिल किया गया है.

शगुन योजना पर भी उठाए सवाल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट में एससी एसटी कि गरीब कन्याओं को के लिए शगुन योजना शुरू की है. इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. आशा कुमारी ने कहा कि गरीब की कोई जाति नहीं होती, लेकिन सरकार ने बेटियों को भी जाति में बांट दिया है. उन्होंने सरकार से बजट पास होने से पहले इसमें संशोधन करने की मांग की और सभी गरीब बेटियों को इस योजना के तहत लाभ देने की व्यवस्था करने की नसीहत दी है.

पंजाब की तर्ज पर करें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा

बजट के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार से आग्रह किया कि वह पंजाब की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू की घोषणा करें. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने बजट में इसको लेकर घोषणा कर दी है. लेकिन राज्य के बजट में दस्तावेज में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री इसको लेकर सदन में आश्वस्त करे कि हिमाचल में भी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ मिल सके.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के सीएम का इस्तीफा, इस उठापटक का क्या होगा हिमाचल पर असर?

शिमला: हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग की. साथ ही जल जीवन मिशन के तहत टेंडर प्रक्रिया के लिये सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टेंडर को ब्रेकअप कर किसी विशेष को लाभ देने का प्रयास किया गया है. अधिकतर टेंडर सिराज और धर्मपुर में ही लगाए जा रहे हैं. जल मिशन में कुल टेंडर में से 47 फीसदी टेंडर जल शक्ति मंत्री व मुख्यमंत्री के क्षेत्र में लगाए गए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों के साथ ये सरकार भेदभाव रही है.

आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर सरकार को घेरा

आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार सत्ता से जाते वक्त 85 हजार करोड़ का कर्ज राज्य को छोड़कर जाएगी. उन्होंने कहा की जीडीपी गिर रही और देश के साथ-साथ हिमाचल में यह माइनस में जा रही है. यही नहीं प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है. मुख्यमंत्री ने टैक्स न लगाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री आश्वासन देंगे कि पूरे साल में कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार बजट पास होने के बाद पिछले दरवाजे से टैक्स लगाएगी. उन्होंने मांग की है कि सरकार बजट पास होने से पहले डीजल और पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को कम करने का प्रस्ताव सदन में लाए.

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जयराम सरकार को बताया पुरुष विरोधी

आशा कुमारी ने बजट में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु को 65 वर्ष करने पर आशा कुमारी ने सवाल खड़े किए और कहा कि बेहतर होता कि यह सरकार पुरुषों को भी इसमें शामिल कर देती. इस आयु के बहुत कम लोग हैं. ऐसे में सभी को एक समान इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए था, लेकिन यह सरकार पुरुष विरोधी है और महिलाओं को ही इसमें शामिल किया गया है.

शगुन योजना पर भी उठाए सवाल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट में एससी एसटी कि गरीब कन्याओं को के लिए शगुन योजना शुरू की है. इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. आशा कुमारी ने कहा कि गरीब की कोई जाति नहीं होती, लेकिन सरकार ने बेटियों को भी जाति में बांट दिया है. उन्होंने सरकार से बजट पास होने से पहले इसमें संशोधन करने की मांग की और सभी गरीब बेटियों को इस योजना के तहत लाभ देने की व्यवस्था करने की नसीहत दी है.

पंजाब की तर्ज पर करें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा

बजट के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार से आग्रह किया कि वह पंजाब की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू की घोषणा करें. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने बजट में इसको लेकर घोषणा कर दी है. लेकिन राज्य के बजट में दस्तावेज में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री इसको लेकर सदन में आश्वस्त करे कि हिमाचल में भी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ मिल सके.

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