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सिंघा और अधिकारी के बीच गहमा-गहमी, SDM चांदला ने किया बीच बचाव - आरोप से सिंघा बिफर गए

सिंघा के आरोपों पर अधिकारी ने कहा कि वो छह बार मजदूरों के पास जा चुका है, लेकिन मजदूरों द्वारा पैसे मांगे जाते हैं. सिंघा ने अधिकारी के तर्क को नकारते हुए उसपर झूठ बोलने का आरोप लगाया. इसके बाद अधिकारी के सब्र का बांध भी टूटा और अधिकारी ने सिंघा पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया.

argument between officer and CPIM MLA
सिंघा और अधिकारी के बीच बहसबाजी.
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Published : Apr 21, 2020, 8:18 AM IST

शिमला: मजदूरों को राशन दिलवाने के लिए धरने पर बैठे सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और अधिकारी के बीच सोमवार को खूब गहमा गहमी हुई. सिंघा का आरोप है कि प्रशासन लोगों में भेदभाव कर रहा है और जरूरतमंदों को राशन नहीं दिया जा रहा है.

मामले पर पूरी जानकारी हासिल करने सरकारी दफ्तर पहुंचे राकेश सिंघा ने मौजूदा अधिकारी पर उचित कार्रवाई अमल में न लाने का आरोप लगाया, जिसपर अधिकारी काफी समय तक चुप रहा. सिंघा के आरोपों पर अधिकारी ने कहा कि वो छह बार मजदूरों के पास जा चुका है, लेकिन मजदूरों द्वारा पैसे मांगे जाते हैं. सिंघा ने अधिकारी के तर्क को नकारते हुए उसपर झूठ बोलने का आरोप लगाया. इसके बाद अधिकारी के सब्र का बांध भी टूटा और अधिकारी ने सिंघा पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया.

इतनी देर तक हुई बहबाजी के बाद मामला बिगड़ चुका था. राजनीति करने के आरोप से सिंघा बिफर गए और सरकारी दफ्तर में बहसबाजी शुरू हो गई. ये हंगामा काफी देर तक चला. अधिकारी ने मामले पर राजनीति करने के आरोप लगाए जिस पर राकेश सिंघा भड़क गए और बहस बाजी शुरू हो गई ओर काफी देर तक हंगमा होता रहा.

सिंघा ने अधिकारी से माफी मांगने की मांग करने लगे. मामले को बिगड़ता देख एसडीएम नीरज चांदला ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया. बता दें कि राकेश सिंघा मजदूरों को राशन न मिलने को लेकर सोमवार को उपायुक्त कार्यालय में धरने पर बैठे थे. इस दौरान विधायक ने प्रशासन पर भदेभाव के आरोप लगाए.

शिमला: मजदूरों को राशन दिलवाने के लिए धरने पर बैठे सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और अधिकारी के बीच सोमवार को खूब गहमा गहमी हुई. सिंघा का आरोप है कि प्रशासन लोगों में भेदभाव कर रहा है और जरूरतमंदों को राशन नहीं दिया जा रहा है.

मामले पर पूरी जानकारी हासिल करने सरकारी दफ्तर पहुंचे राकेश सिंघा ने मौजूदा अधिकारी पर उचित कार्रवाई अमल में न लाने का आरोप लगाया, जिसपर अधिकारी काफी समय तक चुप रहा. सिंघा के आरोपों पर अधिकारी ने कहा कि वो छह बार मजदूरों के पास जा चुका है, लेकिन मजदूरों द्वारा पैसे मांगे जाते हैं. सिंघा ने अधिकारी के तर्क को नकारते हुए उसपर झूठ बोलने का आरोप लगाया. इसके बाद अधिकारी के सब्र का बांध भी टूटा और अधिकारी ने सिंघा पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया.

इतनी देर तक हुई बहबाजी के बाद मामला बिगड़ चुका था. राजनीति करने के आरोप से सिंघा बिफर गए और सरकारी दफ्तर में बहसबाजी शुरू हो गई. ये हंगामा काफी देर तक चला. अधिकारी ने मामले पर राजनीति करने के आरोप लगाए जिस पर राकेश सिंघा भड़क गए और बहस बाजी शुरू हो गई ओर काफी देर तक हंगमा होता रहा.

सिंघा ने अधिकारी से माफी मांगने की मांग करने लगे. मामले को बिगड़ता देख एसडीएम नीरज चांदला ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया. बता दें कि राकेश सिंघा मजदूरों को राशन न मिलने को लेकर सोमवार को उपायुक्त कार्यालय में धरने पर बैठे थे. इस दौरान विधायक ने प्रशासन पर भदेभाव के आरोप लगाए.

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