शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम के करवट बदलते ही जहां एक ओर प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत मिली तो वहींं, दूसरी ओर कई क्षेत्रों में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों-बागवानों को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है. बीते दिनों हिमाचल के कई हिस्सों में बादल जमकर बरसे हैं, तो वहीं, पहाड़ों पर भी जमकर बर्फबारी हुई है. प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जहां सेब की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है वहीं निचले व मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल इस बारिश से खासी प्रभावित हुई है.
CPIM नेता ने किसानों बागवानों के लिए उठाई मुआवजे की मांग: बात करें शिमला जिले की तो जुब्बल कोटखाई, चौपाल, ठियोग और रोहड़ू में ओलावृष्टि ने बागवानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ये जिला शिमला के सेब बहुल इलाके हैं, जहां ओलावृष्टि होने से सेब की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. खराब मौसम ने जिले में किसानों-बगवानों को खासा नुकसान पहुंचाया है. जिसे लेकर अब सीपीआईएम नेता और ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने किसानों-बगवानों की फसलों के नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार से मुआवजा देने की मांग की है.
'प्रदेश में सेब बागवानों को करोड़ों का नुकसान': सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने प्रदेश सरकार से किसानों बागवानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि इस बार भारी बारिश और ओलावृष्टि से सेब की फसल को लेकर बागवानों को करोड़ों का घाटा होने वाला है. राकेश सिंघा ने कहा कि अभी सेब के पौधों में फ्लावरिंग का महिना है. जिसके चलते इस समय बारिश और ओलावृष्टि इसके लिए बेहद खतरनाक साबित होती है. प्रदेश भर में इस बार सेब की फसल बर्बाद हो गई है. बहुत से इलाकों में सेब के पौधों से फूल झड़ गए हैं. जिसके कारण अब सेब की पैदावार उतनी ज्यादा नहीं होगी, क्योंकि सेब की पैदावार के पहला कदम फ्लावरिंग ही होता है जो कई हिस्सों में बड़ी संख्या में झड़ गई है. उन्होंने बताया कि जिले में बलसन और नारकंडा में लगातार 3-4 घंटे तक ओलावृष्टि हुई है, जिससे फसलें बुरी तरह प्रभावित हैं.
'व्यवस्था परिवर्तन की सरकार किसानों और बागवानों को दे मुआवजा': पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कांग्रेस की प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार बागवानों और उन्हें हुए भारी नुकसान पर जरा भी ध्यान नहीं दे रही है. बागवानों को हुए नुकसान के मुआवजे के रुप में प्रदेश सरकार द्वारा अठन्नी तक नहीं दी गई है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंच से ही व्यवस्था परिवर्तन की बातें करते हैं, अगर प्रदेश में सच में व्यवस्था परिवर्तन है तो सरकार किसानों बागवानों की मदद करे, वरना उनमें और पूर्व भाजपा सरकार में कोई फर्क नहीं रह जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को इनता नुकसान हुआ है कि इसका आकलन लगाना मुश्किल है, इसलिए प्रदेश सरकार को किसानों बागवानों को मुआवजा देना चाहिए.
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