शिमला: शिमला के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन को घूमने के लिए और यहां की ऐतिहासिकता से रूबरू होने के लिए आज साउथ कोरिया के राजदूत शिन वांगे किल शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां पहुंच कर उन्होंने पूरे रेलवे स्टेशन घुमा और यहां की ऐतिहासिक चीजों को देखा और उनके बारे में जानकारी भी हासिल की.
शिमला रेलवे स्टेशन के इतिहास और इसकी ऐतिहासिक चीजों को देखकर राजदूत शिन-वांगे-किल शिमला रेलवे स्टेशन के मुरीद हो गए. उन्होंने इस दौरान शिमला रेलवे स्टेशन की सुंदरता इसके रखरखाव और सफाई व्यवस्था की भी तारीफ की.
जब राजदूत शिन वांगे-किल शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे तो यहां पर रेलवे स्टेशन गेट पर स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी और रेलवे स्टाफ ने उनका स्वागत किया. इस दौरान उनके साथ मिनिस्टर काउंसलर चैंग हो सेयूंग और सेकेंड सेक्रेटरी कांग योन भी मौजूद रही. इन सभी ने शिमला रेलवे स्टेशन को घूमने के साथ ही यहां पर स्थित अंग्रेजों के जमाने की बनाई गई पोस्टल टनल को भी देखा, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों के समय में डाक लाने के लिए किया जाता था. वर्तमान समय में भी भी उसी तरीके से इस टनल से डाक भेजी जाती है.
राजदूत शिन वांगे-किल इस दौरान रलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़ी टॉय ट्रेन में भी बैठे. उन्होंने इस टॉय ट्रेन के बारे में भी जानकारी हासिल की. किस तरह से नैरोगेज विश्व धरोहर कालका शिमला ट्रैक पर यह गाड़ी चलती है और इसका सफर कितने समय कितने किलोमीटर और किस तरह का रहता है. वहीं, शिमला रेलवे स्टेशन पर 1920 में स्थापित की गई वजन मापने की हेरिटेज वेइंग मशीन को देखने के साथ ही इसके बारे में भी जानकारी उन्होंने ली.
शिन वांगे-किल शिमला रेलवे स्टेशन पर इस तरह की ऐतिहासिक चीजों को देखकर इनके बारे में जानने के लिए बेहद उत्सुक नजर आए. स्टेशन अधीक्षक और अन्य रेलवे कर्मचारियों ने उन्हें प्लेटफार्म नंबर एक और दो भी दिखाया और ट्रैक के बारे में भी उन्हें जानकारी दी.