शिमला: ऊपरी शिमला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र के तहत कुपवी डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के सभी पद खाली हैं. कॉलेज सिर्फ चपरासियों व चौकीदारों के सहारे है. गैर शिक्षकों के दस पदों में से चपरासी के तीन और चौकीदारों के दो पद भरे हुए हैं. मामला हाई कोर्ट में है. पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि शहर के शिक्षण संस्थानों में जरूरत से अधिक पद भरे हुए हैं. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि शहरों से शिक्षक दूरदराज के शिक्षण संस्थानों में भेजे जाएं? अब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश देते हुए पूछा है कि कुपवी कॉलेज में शिक्षकों के पद भरने की समय सीमा बताएं.
हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कॉलेज में शिक्षकों व गैर शिक्षकों के खाली पद कब तक भरे जाएंगे. मामले की सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में 28 नवंबर तक अनुपालना रिपोर्ट भी तलब की है. उल्लेखनीय है कि कुपवी में डिग्री कॉलेज में शिक्षकों की कमी को लेकर अदालत में जनहित याचिका दाखिल की गई है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया था कि शहर के शिक्षण संस्थानों में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, जबकि कस्बाई इलाकों में स्थिति बिल्कुल विपरीत है.
कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा था कि सरकार शहर के उन शिक्षकों को प्रदेश के दूरदराज के शिक्षण संस्थानों में तैनाती दे सकती है, जिन्होंने एक स्टेशन पर अपना सामान्य कार्यकाल पूरा कर लिया है. कोर्ट ने सरकार की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया था कि कुपवी के डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के आठ पद स्वीकृत किए गए हैं और वे सभी खाली हैं. इसी तरह गैर शिक्षकों के दस पद स्वीकृत किए गए है. इनमें से केवल चपरासी के तीन और चौकीदार के दो पद भरे गए हैं.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि दुर्गम सब-डिविजन कुपवी में एक कॉलेज खोला जाएगा. हालांकि कॉलेज में पांच चपरासी और एक क्लर्क भी है, लेकिन कोई भी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया. कॉलेज के पीटीए संघ ने दो निजी शिक्षकों को काम पर रखा है. कुपवी कॉलेज के पास अपनी खुद की इमारत भी नहीं है. कक्षाओं को पास के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के एक स्टोर रूम में शुरू किया गया था. अब वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल प्रबंधन अपनी इमारत को खाली करवाना चाहता है. फिलहाल, हाई कोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई 28 नवंबर को तय की है.